दलित और मलिन बस्तियों में अपनी पैठ बढ़ा रहा आरएसएस

लखनऊ । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) सामाजिक समरसता कार्यक्रमों के जरिए दलित और मलिन बस्तियों में अपनी पैठ बढ़ा रहा है। इसी क्रम में संघ गांवों और शहरों में सामूहिक पूजन व शिव मंदिरों में जलाभिषेक, सफाईकर्मियों का सम्मान और उनके बीच जलपान जैसे आयोजन करने जा रहा है। 

इससे दलित समाज में संघ के प्रति विश्वास बढ़ेगा तो इनके बीच संघ भी अपना दायरा बढ़ाएगा। संघ ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास कर रहा है, जिससे गांव में किसी भी दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठने से न रोका जाए। उसकी बरात सामान्य वर्ग के परिवार के दूल्हे की तरह ही धूमधाम से निकले। 

दलित वर्ग को सार्वजनिक कुएं से पानी भरने से रोकने की कुरीति भी खत्म की जाए। इसके लिए संघ के स्वयंसेवक लोगों को जागरूक करेंगे। जहां भी दिक्कत होगी, वहां समस्या का समाधान किया जाएगा। 

संघ वाल्मीकि, डॉ. भीमराव आंबेडकर और संत रविदास जयंती पर गांवों में कार्यक्रम कर समाज को जोड़ने का काम करेगा। आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में मिले एजेंडे के तहत संघ अब पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र के सभी प्रांतों में इसे धरातल पर उतारने में जुट गया है।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]