मंजिल आने तक बिना रुके जारी रखें जिंदगी की कदमताल : डॉ. बोपापुरकर


दिल में जज्बा देश के लिए गर्व की अनुभूति भरती है यह खाकी वर्दी: डॉ. बोपापुरकर

कमला नेहरू महाविद्यालय में सी प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके एनसीसी कैडेट्स के विदाई कार्यक्रम में प्राचार्य ने किया मार्गदर्शन

कोरबा, 15 मार्च । एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प्स) को सेकंड लाइन आॅफ आर्मी यानि सेना की दूसरी पंक्ति कहा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि एनसीसी गतिविधियों से जुड़ने वाले कॉलेज के प्रत्येक कैडेट को दो वर्ष के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों व शिविरों के माध्यम से इतना सक्षम कर दिया जाता है, कि वक्त आने पर भारतीय सेना के साथ वे दुश्मनों से लोहा लेने के काबिल हो जाते हैं। एनसीसी की खाकी वर्दी का उत्साह यूं है कि उसे तन पर धारण करने वाले कैडेट्स के दिल में राष्टÑीयता का जज्बा उमड़ता है तो देश के लिए दिमाग में गर्व की अनुभूति कुलांचे भरती है।

यह बातें बुधवार को कमला नेहरू महाविद्यालय में आयोजित एनसीसी सी सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुके सीनियर कैडेट्स के लिए आयोजित विदाई कार्यक्रम में छात्र सैनिकों का मार्गदर्शन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर ने कहीं। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स को उनके आगामी भविष्य को सुनहरे युग की ओर कदम बताते हुए जीवन में सफलताओं के झंडे गाड़ने प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह उन्होंने कॉलेज कैम्पस में कदमताल कर यह सफर पूरा किया, अगले सफर पर अपने लक्ष्य की ओर उसी समर्पण व उत्साह के साथ मंजिल मिलने तक कदमताल करते आगे बढेÞं। महाविद्यालय की एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट अनिता यादव के मार्गदर्शन में कैडेट्स के लिए बुधवार को यह विदाई समारोह आयोजित किया गया था। विदाई की इस बेला पर यादगार बनाते हुए अनेक कार्यक्रम हुए व सामूहिक रूप से फोटो सेशन भी कराया गया।

इस अवसर पर सी सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट्स के साथ फर्स्ट ईयर व सेकंड ईयर के एनसीसी छात्र-छात्राएं भी शामिल हुए। सी सर्टिफिकेट प्राप्त करने साथ ही उनका इस गतिविधि में सफर पूर्ण हुआ और एनसीसी गतिविधियों अंतिम दौर में महाविद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान सीनियर अंडर आॅफिसर दोषांत राजवाड़े, जूनियर अंडर आॅफिसर, एसडब्ल्यू दीपा टंडन, पूजा, अनु यादव, देविका मौजूद रहे।