समुद्र में ड्रैगन से आर-पार के मूड में भारत! Navy के बेड़े में शामिल होंगी 200 ब्रह्मोस मिसाइलें

Indian Navy: चीन से तनाव के बीच भारतीय नौसेना समुद्र में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए 200 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की खरीदारी करेगी. रक्षा मंत्रालय इस डील को मंजूरी देने के आखिरी चरण में है. भारतीय नौसेना को मिलने वाली इन सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा. इन मिसाइलों के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस के साथ जल्द ही डील पक्की हो सकती है.

टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा है कि मिसाइलों और उससे संबंधित खरीद प्रस्ताव को जल्द ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में होने वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में विचार के लिए रखा जाएगा. इसके बाद इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सुरक्षा समिति के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

यह भी पढ़ें- नाटु-नाटु को सालों तक याद रखेगी दुनिया, पूरी टीम को बधाई- ऑस्कर अवार्ड मिलने पर PM मोदी

‘सूत्रों ने कहा है कि डील को लेकर डिलीवरी और सटीक रूपरेखा को लेकर विचार किया जा रहा है. डील की वास्तविक लागत मिसाइलों की संख्या और उसके कॉन्फिगरेशन पर निर्भर करेगा. हालांकि, माना जा रहा है कि मिसाइलों की खरीदारी की यह डील 15000 करोड़ से ऊपर की हो सकती है.

दुश्मनों को चकमा देने में माहिर
भारत में फ्रंटलाइन युद्धपोत पहले से ही ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस हैं. भारत और रूस की ओर से संयुक्त रूप से विकसित ये मिसाइलें ध्वनि की गति की तुलना में तीन गुना अधिक तेजी से उड़ान भरने में सक्षम हैं. कुछ युद्धपोतों पर इसके वर्टिकल लॉन्च सिस्टम की भी तैनाती की गई है. ब्रह्मोस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत हवा में रास्ते बदलना है. रास्ते बदलने की वजह से यह मिसाइलें दुश्मन की नजर में नहीं आती है.

मारक क्षमता बढ़ाने पर जोर
भारतीय सेना की ओर से ब्रह्मोश मिसाइलों को अपग्रेड करने का भी काम किया जा रहा है. अपग्रेडेशन के बाद इन मिसाइलों की मारक क्षमता 290 किलोमीटर से बढ़कर 450 किलोमीटर की हो जाएगी. वहीं, ब्रह्मोस मिसाइल के 800 किलोमीटर की रेंज के वैरिएंट की पहले टेस्टिंग भी हो चुकी है और कुछ के इस साल होने की उम्मीद की जा रही है.

यह भी पढ़ें- Covid-19: सावधान हो जाइये, देश में कोरोना केस ने फिर पकड़ी रफ्तार- नए मामले 500 के पार

पिछले कुछ सालों में सशस्त्र बलों के लिए ब्रह्मोस प्रमुख पारंपरिक (गैर-परमाणु) स्ट्राइक हथियार के रूप में सामने आया है. भारत इन मिसाइलों की खरीदी के लिए अब तक करीब 38000 करोड़ रुपए से अधिक डील पर हस्ताक्षर कर चुका है.

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]