Vedant Samachar

CG NEWS:पटवारी बरी, जमीन हथियाने के मामले में वकील को झटका

Vedant Samachar
3 Min Read

बिलासपुर,01मई 2025(वेदांत समाचार)। किसान को नशा देकर उसकी 8.85 एकड़ जमीन फर्जी तरीके से अपने नाम करवा लेने के मामले में हाईकोर्ट ने वकील और उसके सहयोगी गवाह की अपील खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल ने सत्र न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए वकील की तीन साल की सज़ा कायम रखी है। वहीं इस मामले में नामजद पटवारी और दस्तावेज लेखक को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। ग्रामीण मेहरचंद पटेल सीपत थाना क्षेत्र के गांव खैरा के निवासी हैं। उसने वर्ष 2013 में सिविल लाइन थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके पास खैरा गांव में 8.85 एकड़ कृषि भूमि थी। बिलासपुर जिला न्यायालय में राजस्व विभाग से जुड़े मामलों में उसके वकील तुलाराम पटेल ने उन्हें ज़मानत दिलाने के बहाने बिलासपुर बुलाया और नशीला पदार्थ देकर ज़मीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली।

जब मेहरचंद को इस धोखाधड़ी का पता चला, तो उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस जांच में पाया गया कि वकील ने वर्ष 2011 में ज़मीन की फर्जी रजिस्ट्री कराई थी, जिसमें शिकायतकर्ता के जाली हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था। मामले में वकील के अलावा गवाह सीताराम कैवर्त, तत्कालीन पटवारी अशोक ध्रुव और दस्तावेज लेखक देवनाथ यादव को आरोपी बनाया गया। फरवरी 2016 में सत्र न्यायालय बिलासपुर ने चारों आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए तीन-तीन साल की सज़ा और जुर्माना सुनाया था। इसके खिलाफ सभी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि वकील, शिकायतकर्ता का भरोसेमंद व्यक्ति था और उसका प्रभावशाली पद उसका लाभ उठाने में मददगार रहा। शिकायतकर्ता के पारिवारिक हालात का लाभ उठाकर उसने रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी की और जमीन अपने नाम करवा ली। बाद में जब दस्तावेजों की जांच हुई तो यह साफ हो गया कि रजिस्ट्री में किए गए हस्ताक्षर मेहरचंद के नहीं थे। इस आधार पर कोर्ट ने वकील और गवाह सीताराम कैवर्त की अपील खारिज कर दी और सत्र न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा को उचित ठहराया।

Share This Article