World Women’s Day के उपलक्ष्य पर IPS Dipka में किया गया महिलाओं का सम्मान


नारी सर्वदा ही पूजनीय और वंदनीय रहीं हैं-श्रीमती प्रेमलता यादव (डीएफओ कोरबा) ।


आज महिलाओं को शिक्षित होने के साथ-साथ ही साथ स्वावलंबी होना अतिअनिवार्य -डॉ. शशि सिंधु(प्रेसीडेंट,महिला क्लब)


आज कोई भी क्षेत्र महिलाओं की उपस्थिति से अछूता नहीं है,वे प्रत्येक क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा रहीं- श्रीमती संतोषी दीवान (अध्यक्ष नगरपालिका परिषद दीपका) ।


सनातन काल से ही महिलाओं का अपना विशेष स्थान रहा है।वे सदा से ही पूजनीय रही हैं-लता कंवर(जनपद सदस्य कटघोरा)


भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया हैं।बच्चों में संस्कार भरने का काम माँ के रुप में नारियों के द्वारा ही किया जाता है- डॉ संजय गुप्ता ।


कोरबा 07 मार्च I सदियों से महिलाएँ विभिन्न प्रकार के अत्याचार और दमन का सामना करती रही हैं।इतिहास गवाह है कि मुगल काल से लेकर आज पर्यंत महिलाओं पर अत्याचार या प्रताड़ना की खबर हम प्रतिदिन समाचार पत्र में पढ़ते रहते हैं।कहने को तो आज विज्ञान ने तरक्की कर ली है,दुनिया बहुत आगे जा चुकी है,पर आज भी समाज में महिलाओं के प्रति अत्याचार और शोषण की घटनाएँ आम हो चुकी हैं।यह पुरुष प्रधान देष की ओछी मानसिकता प्रदर्शित करता है।


कहा जाता है जहाँ नारी की पूजा होती है,वहाँ देवता निवास करते हैं।यह बात सौ फीसदी सत्य भी है।यदि हम वाकई नारियों का सम्मान करें इस बात में कोई संदेह नहीं कि हमारा घर-परिवार एवं सर्वत्र सुख-षांति का वातावरण रहेगा।आज महिलाएँ प्रत्येक क्षेत्र में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रही हैं। वह सामाजिक क्षेत्र हो,राजनीतिक क्षेत्र हो,आर्थिक क्षेत्र हो या औद्योगिक क्षेत्र हो।प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति से पुरुषों को यह बता दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं।
समाज में महिलाओं के योगदान व उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए विष्वभर में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।


आज महिलाओं ने सड़क से लेकर संसद तक और जमीन से लेकर आसमान तक अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है और पुरुषों को दाँतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया है। आज महिलाओं के प्रति पुरुषों की सोच में बदलाव आया है। पर आज भी हम गाहे-बगाहे महिला उत्पीड़न की खबरों से सिहर जाते हैं। आज तक जिन क्षेत्रों में केवल पुरुषों का ही वर्चस्व था,उन क्षेत्रों में भी हमारे राष्ट्र की बेटियों ने अपनी पहचान बनाई है।हम बात कर रहे हैं फायटरप्लेन की,जिसे पहली बार महिला पायलट के रुप में रीवा(म0प्र0) की अवनी चतुर्वेदी,बगुसराय की ने उ़ड़ाया। धुर नक्सल क्षेत्र कहे जाने वाले गीदम दंतेवाड़ा (छ0ग0) की रेलवे लोको पायलट श्रीमती प्रतिभा एस बंसोड़ ने सफलतापूर्वक अपने कार्य को अंजाम तक पहुँचाया और एक बार फिर महिलाओं ने अपनी सफलता का परिचय दिया।ऐसे कई मिसाल हैं जिससे साबित होता है कि आज महिलाएँ किसी भी स्तर पर पुरुषों से कम नहीं हैं।


दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में नारी सम्मान का पर्व विश्व महिला दिवस नारी सषक्तिकरण के रुप में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन कु0 रीतिका शुक्ला एवं कु0 दीक्षा शर्मा ने किया।कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रमुख रुप से आमंत्रित अतिथियों-श्रीमती प्रेमलता यादव (डीएफओ कटघोरा), डॉ0शशि सिंधु(प्रेसीडेंट महिला क्लब) ,श्रीमती संतोषी दीवान(अध्यक्ष नगरपालिका परिषद दीपका),श्रीमती लता कंवर(जनपद अध्यक्ष,कटघोरा),डॉ0सुनीता साहू (सदस्य एसीबी महिला समिति),श्रीमती चंद्रा (सदस्य एसीबी महिला समिति),विशेष रुप से उपस्थित थे।विश्व महिला दिवस के इस पावनअवसर पर विद्यालय में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।सर्वप्रथम अपने-अपने क्षेत्र में सफल महिला अतिथियों को विद्यालय की षिक्षिका श्रीमती रुमकी हलधर के द्वारा तिलक लगाकर एव ंपुष्प्गुच्छ देकर स्वागतकिया गया । कार्यक्रम की शारुआत माँ सरस्वती के तैल्य चित्र परमाल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन से हुई।


तत्पश्चात विद्यालय के नृत्य प्रषिक्षक श्री हरि सारथी एवं रुमकी हलधर के दिषानिर्देषन में शिक्षिकाओं एवं आगंतुक महिलाओं ने आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी जो कि नारी सशक्तिकरण थीम पर आधारित थी।विद्यालय की शिक्षिकाओं द्वारा भी विश्व भर में नारी की महिमा को मंडित करती नयनाभिराम नृत्य की प्रस्तुति दी गई। आगंतुक महिलाओं के लिए विद्यालय में रोचक खेलों का भी आयोजन किया गया।इन खेलों सभी ने भरपूर आनंद लिया। विद्यालय की खेल प्रशिक्षिका कु0 निकिता थापा के द्वारा कर्णप्रिय गीत की ओजस्वी प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में उपस्थित आगंतुक महिलाओं ने रैंप वॉक कर शमां बिखेर दी।कार्यक्रम में विश्वभर की महिलाओं के सम्मान में केक कटिंग कर सम्मान प्रकट किया गया।


मुख्य अतिथि श्रीमती प्रेमलता यादव ने कहा कि आज का दिन विश्व भर में महिलाओं को सम्मान देने का दिन है। हम आज के ही दिन क्यों महिलाओं के प्रति हमारे हृदय में हमेशा सम्मान रहना चाहिए।कहा भी जाता हे-यत्र नारयस्तु पुज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता।अतः हमें सदा नारियों का सम्मान करना चाहिए।आज हमें महिलाओं के नाम पर ही सम्मान नहीं अपितु उनके कार्यों एवं उपलब्धियों को देखकर सम्मान करना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि डॉ0 शशि सिंधु ने कहा कि आज नैतिक शिक्षा अति अनिवार्य है।आज महिलाओं को शिक्षित होने के साथ-साथ ही साथ स्वावलंबी होना अतिअनिवार्य है।समाज बदलेगा तो परिवार बदलेगा;परिवार बदलेगा तो अच्छे राष्ट्र का निर्माण होगा।


श्रीमती संतोषी दीवान ने कहा कि आज महिलाएँ प्रत्येक क्षेत्र में अव्वल हैं।आज वे पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।आज उन्हें हम किसी भी स्तर में कम नहीं आंक सकते।आज वे प्रत्येक क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा रही हैं।
श्रीमती लता कंवर (जनपद सदस्य कटघोरा) ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज से ही नहीं सनातन काल से ही महिलाओं का अपना विशेष स्थान रहा है।वे सदा से ही पूजनीय रही हैं।उनका सम्मान जमीनी स्तर पर भी सदा होना चाहिए।आज स्थिति बदल गई है,आज महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के प्रति सरकार भी कटिबद्ध है।


कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के कोआर्डिनेटर श्री सव्यसाची सरकार एवं श्रीमती सोमा सरकार सहित सभी शिक्षक-शिक्षकाओं का विशेष सहयोग रहा।ं प्राचार्य महोदय डॉ0संजय गुप्ता ने आमंत्रित अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।कार्यक्रम के अंत में अतिथियों के प्रति आभार कु0 नाजनीन ने धन्यवाद ज्ञापन देकर व्यक्त किया।


विद्यालय के प्राचार्य डॉ0संजय गुप्ता ने कहा कि आज कोई भी क्षेत्र महिलाओं की उपस्थिति से अछूता नहीं है,वे प्रत्येक क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा रहीं हैं।भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्तव दिया गया हैं।बच्चों में संस्कार भरने का काम माँ के रुप में नारियों के द्वारा ही किया जाता है।नारी प्रकृति की अनुपम देन है;नारी धरती से भी ज्यादा सहनशील है।उसके अंदर हर प्रकार की योग्यताएँ एवं कुशलताएँ भरी हुई हैं।