Railway knowledge : ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर क्यों लिखा होता है X, रेल मंत्रालय ने ट्वीट कर बताई वजह

नई दिल्ली. ट्रेनों को भारत की लाइफलाइन कहा जाता है. भारतीय रेल से जुड़ी कई जानकारियों और संकेतकों में कई महत्वपूर्ण जानकारियां छिपी रहती हैं, जिनको लेकर लोग बड़े कंफ्यूज रहते हैं. इन्हीं में से एक है एक्स का निशान. कई रेल यात्रियों ने इसे देखा होगा और सोचा होगा कि ट्रेन के आखिरी डिब्बे के पीछे “X” प्रतीक का वास्तव में क्या मतलब है. रेल मंत्रालय ने इसका मतलब समझाने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और अंत में इसका जवाब पाकर कई उन लोगों ने तसल्ली महसूस की जो इसे वास्तविक अर्थ को लेकर भ्रमित थे.

रेल मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के एक पोस्ट के अनुसार, पीला “X” चिन्ह दर्शाता है कि ट्रेन बिना किसी कोच को पीछे छोड़े निकल गई है. प्रतीक की उपस्थिति रेलवे अधिकारियों को यह पुष्टि करने में भी मदद करती है कि ट्रेन बिना किसी कोच को अलग किए पूरी तरह से सुरक्षित गुजर चुकी है. यानी एक्स का निशान है तो समझिए कि ट्रेन के पूरे डिब्बे सुरक्षित निकल रहे हैं और कोई भी कोच छूटा नहीं है.

मंत्रालय ने पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा है, “क्या आप जानते हैं? ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर ‘X’ अक्षर बताता है कि ट्रेन बिना किसी कोच को छोड़े गुजर गई है.” शेयर किए जाने के बाद से पोस्ट को दो लाख बार देखा जा चुका है और तीन हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. एक यूजर ने कमेंट किया, “मुझे हमेशा लगता था कि यह स्वैग के लिए है.” एक यूजर ने कहा, “एलवी (अंतिम वाहन) भी. ये प्रतीक ‘एक्स’ और ‘एलवी’ बचपन से मेरे दिमाग में थे. जवाब देने के लिए धन्यवाद.”

कुछ ऐसे रहे यूजर्स के जवाब


एक दूसरे व्यक्ति ने कहा, ‘एलवी यानी लास्ट व्हीकल बोर्ड दिन के समय में और रात में टिमटिमाते टेल लैंप का मतलब है कि ट्रेन पूरी तरह आ चुकी है. दिन के समय एलवी बोर्ड और रात में टेल लैंप लगाना गार्ड का कर्तव्य है. यह यात्री ले जाने वाली ट्रेन या मालगाड़ी दोनों के लिए सही है.’ एक तीसरे व्यक्ति ने टिप्पणी की, ‘मुझे लगा कि यह वेक्टर प्रतिनिधित्व है, जब एक वेक्टर आपकी ओर आता है तो इसे डॉट (ट्रेन की हेडलाइट) द्वारा दर्शाया जाता है, और यदि एक वेक्टर आपसे दूर जा रहा है तो इसे एक्स द्वारा दर्शाया जाता है.’ एक अन्य व्यक्ति ने टिप्पणी की, “और मुझे लगता था कि इसका मतलब एक एक्सप्रेस ट्रेन को दर्शाना है. बहुत सारी यात्री ट्रेनों के अंत में यह प्रतीक नहीं होता है … मैं यही समझता था.