कबीरधाम ,05 मार्च । कवर्धा जिले के हरमो गांव में विरोध-प्रदर्शन के दौरान एसपी , एएसपी सहित 20 पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले गोंगपा के 60 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इनमें गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का जिला अध्यक्ष जे लिंगा भी शामिल है। इन सभी आरोपियों को शनिवार को जेल दाखिल कराया गया है। घटना भोरमदेव थाना क्षेत्र की है। इन सभी 60 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा भी कई धाराओं में कार्रवाई की जा रही है। वहीं हिरासत में लिए गए 145 संदेहियों से अभी भी पूछताछ जारी है।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 60 मोबाइल, 30 बाइक और 1 पिकअप वाहन के अलावा लाठी, डंडे, धारदार हथियार और बड़ी मात्रा में पत्थर भी बरामद किए हैं। हरमो गांव के पूजा स्थल पर गोंगपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी का सतरंगी झंडा लगा दिया था, जिसे ग्रामीणों ने हटा दिया था। इसे लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने 3 मार्च को हिंसक प्रदर्शन किया था। पार्टी कार्यकर्ताओं और धर्म गुरु दुर्गे भगत के बीच विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर गोंगपा के लोगों ने लाठी-डंडे से जानलेवा हमला कर दिया था। जिसमें एसपी डॉ लाल उमेद सिंह, एएसपी समेत 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
सतरंगी झंडे को धर्म गुरु दुर्गे भगत द्वारा उतारने का आरोप लगाते हुए गोंगपा ने उन पर कार्रवाई की मांग की थी। जबकि गांव के लोगों का कहना था कि यह पार्टी का झंडा है। यहां पर सिर्फ पूजा पाठ वाला झंडा ही होना चाहिए। इसके बाद 14 फरवरी को पूजा स्थल से पार्टी का झंडा हटा दिया गया था। 14 फरवरी को जब पूजा-पाठ करके उस झंडे को हटाया गया, तब भी पार्टी के लोगों ने गांव वालों का विरोध किया था। इसके बाद समाज के धर्म गुरु दुर्गे भगत के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी। पिछले 15-20 दिन में धर्म गुरु पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो 3 मार्च को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के 800 से ज्यादा कार्यकर्ता राजानवा गांव में जमा हो गए और यहां से वे हाथ में लाठी लिए रैली निकालते हुए हरमो की ओर बढ़ने लगे।
पुलिस ने इन्हें रास्ते में रोकने का प्रयास किया, तो ये भड़क गए और पुलिस पर ही पथराव कर दिया। इन्होंने ग्रामीणों पर भी पथराव किया। शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद शनिवार सुबह से गांव का माहौल शांत है, फिर भी एहतियातन गांव के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। डीएसपी के नेतृत्व में 60 पुलिस जवान मौजूद हैं। वहीं गांव वाले शांति चाहते हैं, इसलिए जो दोषी हैं, उन पर कारवाई की मांग कर रहे हैं। गांववालों का कहना है कि जिन्होंने भी पुलिस पार्टी पर हमला किया, उन लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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