SECLमें ब्लास्टिंग से डरे हुए हैं लोग छप्पर टूटकर गिरा, प्रभावितों ने ब्लास्टिंग को बताई वजह

कोरबा,04 मार्च(वेदांत समाचार)।एसईसीएल कुसमुंडा खदान से प्रभावित बरपाली गेवरा बस्ती के दशहरा मैदान के पास रहने वाले प्रभावितों ने कहा कि खदान में ब्लास्टिंग से पहले सायरन नहीं बजता है और उन्हें इसकी जानकारी तब होती है, जब इसकी आवाज की गूंज सुनाई देती है या फिर उनके घरों में कंपन का अहसास होता है। खदान के मुहाने से महज 100 मीटर की दूरी पर ही उनकी बस्ती है। ऐसे में धूल के गुबार से बस्ती में गुजर-बसर मुश्किल हो गया है।ऐसी ही हैवी ब्लास्टिंग से एक मकान का छप्पर टूटकर गिर गया।

एसईसीएल की खुली खदानों में एक निश्चित दूरी पर होल कर कोयला खनन या फिर मिट्‌टी हटाने के लिए ब्लास्टिंग की जाती है। उसके बाद मशीनों से खनन होता है। बुधवार की शाम करीब 4 बजे एसईसीएल कुसमुंडा खदान से प्रभावित बरपाली गेवरा बस्ती में रहने वाले हरिदास के मकान का छप्पर भरभराकर गिर गया। उसकी पत्नी उमेंद बाई ने बताया कि खदान में किए जा रहे हैवी ब्लास्टिंग से उनके मकान का छप्पर गिरा है। यहां रह रहे कई लोगों की मकानों में दरारें भी आ गई है। यह तो गनीमत रही कि उनके माेहल्ले में किराना सामान लेकर पहुंचे गाड़ी के पास खरीदारी करने बाहर निकले थे।

भूविस्थापित हैवी ब्लास्टिंग की कर चुके हैं शिकायत
एसईसीएल कुसमुंडा खदान से प्रभावित गांव पाली व पड़निया के भूविस्थापित भी हैवी ब्लॉस्टिंग की शिकायत कर चुके हैं। इन दोनों गांवों के नजदीक ही खदान है। यहां के भूविस्थापितों ने बताया कि अब तक बसाहट, मुआवजा समेत रोजगार की मांग पूरी नहीं होने से गांव में ही रहने की मजबूरी बनी हुई है। प्रबंधन के साथ 4 बिंदुओं पर लिए गए निर्णय पर भी अमल नहीं होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है।