कोरबा,03 मार्च(वेदांत समाचार)।शहर के बीच भारी वाहनों का दबाव बढ़ने से रात ही नहीं, दिन में भी हादसे होने की आशंका बढ़ने लगी है, जिस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। रात के समय तो शहर की मुख्य सड़कों पर पूरी तरह भारी वाहनों का कब्जा हो जाता है। भारी वाहनों के चालक उस समय यह नहीं देखते कि सड़क पर कोई दूसरा वाहन भी आ रहा है। वे जहां से भी जगह मिलती है, वहां से वाहन को मुख्य चौराहों से दौड़ाते हैं, जिन्हें नियंत्रित करने वाला कोई नहीं होता।
यह स्थिति रात में नो एंट्री खुलने के बाद बनती है। नो एंट्री रात 10 बजे खुलती है, लेकिन सीएसईबी चौक के साथ टीपी नगर चौक से काॅफी हाउस रोड, इंदिरा स्टेडियम मार्ग और विपरीत दिशा में मुड़ापार बाइपास सड़क को जोड़ने वाली एसईसीएल काॅलोनी जाने वाली सड़क पर 9.30 बजते ही वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। जैसे ही घड़ी की सूई पौने 10 बजाती है, चौक के चारों ओर लंबी कतार में खड़े वाहन धड़धड़ाते हुए दौड़ने लगते हैं। इस दौरान बाइक चालक हों या कार ड्राइवर, उन्हें आगे बढ़ने के लिए इस भारी वाहनों के पार होने तक इंतजार करना पड़ता है।
पार होने वाले वाहनों की संख्या कोई एक-दो नहीं, बल्कि दर्जनों में होती है, जिनके वाहन कम समय में अपने वाहन को मुख्य चौक से आगे पार करना चाहते हैं। इस आपाधापी में दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। मजेदार बात यह होती है कि दोनों ही चौक पर शहर के सबसे व्यस्ततम होने के बाद भी वहां इन भारी वाहनों को नियंत्रित करने के लिए चौकी में तैनात जवान कहीं नजर ही नहीं आते हैं।
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