हर्बल गुलाल से स्वस्थ और सुरक्षित होगा होली का त्योहार

मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर ,01 मार्च । रंगों के त्योहार होली पर एमसीबी जिले में स्व सहायता समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल बनाने में जुटी हैं। फूल-सब्जियों के प्राकृतिक रंगों से बनाए जा रहे हर्बल गुलाल होली की खुशियों को दोगुना करने अब पूरी तरह तैयार है। होली में सबसे ज्यादा भय केमिकल युक्त रंगों का होता है। समूह द्वारा बनाए जा रहे हर्बल गुलाल पूरी तरह सुरक्षित है।

कलेक्टर पी एस ध्रुव के मार्गदर्शन और सीईओ जिला पंचायत नम्रता जैन के निर्देशन में स्व सहायता समूह की महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। जिले के 3 समूह की 11 महिलाओं ने हर्बल गुलाल बनाना शुरू किया और अब तक 160 किलोग्राम गुलाल तैयार किया। जिसमें विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ की जय अम्बे महिला स्व सहायता समूह की 2 महिलाओं ने 50 किलोग्राम, विकासखण्ड खड़गवां की दुर्गा स्व सहायता समूह की 5 महिलाओं ने 50 किलोग्राम तथा विकासखण्ड भरतपुर की प्रगति स्व सहायता समूह की 4 महिलाओं ने 60 किलोग्राम गुलाल निर्मित किए हैं और अब तक 160 किलोग्राम गुलाल निर्माण किया।

यह भी पढ़े :-राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर बच्चे बने बाल वैज्ञानिक

समूह की महिलाओं ने बताया कि गुलाल निर्माण के लिए उन्हें आवश्यक सामग्रियां स्थानीय बाज़ारों से आसानी से प्राप्त हो जाती हैं। अरारोट पाउडर में पालक, चुकंदर, हल्दी, गेंदे तथा पलाश के फूलों को उबालकर उन्हें छानकर मिलाया जाता है। प्राप्त मिश्रण को अच्छी तरह सुखाकर छानने के बाद उसमें रोज वॉटर, केवड़ा वॉटर जैसे प्राकृतिक सुगन्धक मिलाने के बाद हर्बल गुलाल तैयार होता है। उन्होंने बताया की गुलाल अलग-अलग मात्रा में पैकिंग कर लिया गया है और अब इन्हें स्टॉल लगाकर बेचा जाएगा।