होलिका दहन में कुछ विशेष उपायों के जरिए राहु ग्रह को शांत किया जा सकता है आइए जानते हैं क्या हैं वो उपाय  

Holiaka Dahan 2023 Rahu Upay:  फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन मनाया जाएगा। इस वर्ष होलिका दहन 7 मार्च, मंगलवार को है। यह परंपरा हिरण्यकशिपु के पुत्र प्रहलाद, भगवान विष्णु के भक्त और  होलिका से जुड़ी हुई है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। प्रतिपदा तिथि पर रंगों और गुलाल से होली खेली जाती है। होलिका दहन के समय मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है।  होलिका दहन के आठ दिन पहले से होलाष्टक शुरू हो जाते हैं। होलाष्टक के दौरान किसी भी शुभ या मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। क्योंकि सभी नवग्रह उग्र अवस्था में होते हैं। होलिका दहन के दिन राहु ग्रह उग्र रहेगा। इस ग्रह के उग्र होने से व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कुछ विशेष उपायों के जरिए राहु ग्रह को शांत किया जा सकता है। आइए जानते हैं क्या हैं वो उपाय।  

उग्र राहु के दुष्प्रभाव 
यदि राहु उग्र अवस्था में है तो व्यक्ति के विचार क्षमता, उसके कर्म आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है। राहु के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति बुरी संगत में भी फंस सकता है। इसके प्रभाव से मांस-मदिरा, जुआ आदि खेलने लगता है। इसके अलावा शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।

उग्र राहु ग्रह को शांत करने के उपाय
होलिका दहन पर रागु अपनी उग्र अवस्था में है। ऐसे में इस दिन उन्हें शांत करने के लिए कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वो उपाय- 

  • होलिका दहन के दिन प्रातः स्नान आदि करने के बाद राहु के मंत्र ॐ रां राहवे नम: का 108 बार जाप करें।  
  • उग्र राहु को शांत करने के लिए होलिका दहन के दिन जल में थोड़े से काले तिल डालकर शिवलिंग पर अभिषेक करें।
  • होलिका दहन के दिन एक सूप में काले तिल, कंबल, नीला वस्त्र,  लोहा, सप्त अनाज, गोमेद, खड्ग आदि रखकर इसे कपड़े से बांधकर जल में प्रवाहित कर दें। इस उपाय को करने से राहु का दुष्प्रभाव कम होगा। 
  • होलिका दहन तिथि 
    फाल्गुन पूर्णिमा तिथि आरंभ: 6 मार्च 2023, सोमवार, सायं 04:18 मिनट से 
    फाल्गुन पूर्णिमा तिथि समाप्त:7 मार्च 2023 मंगलवार, सायं 06:10 मिनट तक 
    उदयातिथि के अनुसार होलिका दहन का त्योहार 7 मार्च को ही मनाया जाएगा