Raipur News : सूरी दादाबाड़ी प्रतिष्ठा महोत्सव 23 फरवरी से शुरु होकर 4 मार्च तक

रायपुर,24 फरवरी  धर्मनाथ जिनालय व जिनकुशल सूरी दादाबाड़ी प्रतिष्ठा महोत्सव 23 फरवरी से शुरु होकर 4 मार्च तक पूरे विधि विधान के साथ मनाया जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे मध्यभारत के लिए एक ऐतिहासिक आयोजन हैं जब अंजनशालाका, प्रतिष्ठा, दीक्षा संपन्न करवाने 70 साधु-साध्वी रायपुर पधार चुके हैं और उनके आर्शिवचन का सौभाग्य मिलेगा। वहीं पूरे देश भर से जैन समाज के लोग इसमें शामिल होने पहुंचे हैं। 10 दिन तक चलने वाले दशानिका महामहोत्सव का हर दिन का विधान उत्सव अपने आप में अतुलनीय है। इस महोत्सव को शब्दों में उकेरा नहीं जा सकता है, इसको तो अपनी आंखों से देखकर हृदय में बसाने जैसा है। साइंस कॉलेज मैदान में इसके लिए भव्य रत्नपुरी राज नगर बसाया गया है।

25 फरवरी से साइंस कॉलेज के प्रांगण में परमात्मा की राज सभा का मंचन होगा और इस मंचन में परमात्मा के च्यवन कल्याण, जन्म कल्याणक, दीक्षा कल्याणक का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा। खरतरगच्छाधिपति अवन्तितीर्थोद्धारक आचार्य प्रवर जिन मणि प्रभ सूरीश्वर जी मा सा, मुनि विरक्त सागर जी मा सा ने महोत्सव के संदर्भ में मीडिया को जानकारी दी। इस अवसर पर अशोक कांकरिया, महेंद्र कोचर, दीपचंद कोटडिया, श्रेयांश जैन, भारत जैन व पंकज कांकरिया उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि नवनिर्मित जिनालय का श्रृंगार श्वेत पाषाण से निर्मित, अनुपम सौन्दर्य की कारीगरी से घड़ाई की हुई, जुगनू की चमक की तरह बने चमकते हुए मार्बल के गलीचे, सर्वोत्कृष्ठ जालीदार तोरण से सजी, अप्रतिम सौंदर्य एवं जीवंत मानव संरचनाओं और संवेदनाओं को संयुक्त करती खम्बो पर शुद्धतम रूप से उकेरी हुई देवियों की प्रतिकृति से किया गया है। इस महामहोत्सव के लिए दादाबाड़ी की जीवंत करती सजावट देखने जैसी है, ऐसा लग रहा है मानो धरती पर स्वर्गलोक का कोई मंदिर आ गया है।

सम्पूर्ण दादाबाड़ी को फूलों से सजाया गया है और इन फूलों के बीच में परमात्मा का मंदिर बहुत मनोहारी लग रहा है, दादाबाड़ी में पूर्व से स्थापित प्रतिमाओं की भी पुनः विधान क्रिया होगी। इसके लिए मूल जिनालय में वेदी बनाई जावेगी, जहां सारी क्रियाये पूर्व में अंजनशालाका हुई परमात्मा को साक्षी रखकर समस्त प्रतिमाओं का अनजान शलाका विधान होगा। प्रतिदिन प्रात: 5.30 बजे से 9.30 बजे तक का विधान एमजी रोड दादाबाड़ी में सम्पन्न होगा। साइंस कॉलेज में 12 एकड़ में राज नगर बसाया गया है जिसे बनाने के लिए बाहर राज्यों से विशेष कारीगर पहुंचे थे। जिसकी खुबसूरत कारीगरी देखते ही बनती है। यहां सुरक्षा हेतु 2000 सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा रहे है, लोगो को महोत्सव के कार्यक्रम में आने जाने में तकलीफ न हो इसके लिए इको फ्रैंडली इलेक्ट्रॉनिक गाडिय़ां लगवाई जा रही है जिससे प्रदुषण भी न हो इसका ध्यान रखा गया है। 2000 गाडिय़ों की विशेष पार्किंग साइंस कॉलेज के पास • और एमजी रोड में 700 गाडियों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है जिससे शहर के यातायात में बिलकुल भी अवरोध नहीं होगा।

साइंस कॉलेज स्थित रत्नपुरी नगर के शुभारम्भ के साथ 9.30 बजे से परमात्मा के च्यवन कल्याणक का राजमंचन प्रारम्भ होगा। इसके लिए भव्य रत्नपुरी नगर बसाया गया है जिसका कल उद्घाटन होगा और साथ ही दो बड़े ‘ भोजन खंड का नामकरण और उद्घाटन होगा। रत्नपुरी नगर में राजदरबार लगेगा और राजमंचन होगा, यह राजमंचन साधारण नहीं है यह परमात्मा के राज परिवार का मंचन है जिसको देखने सुनने से रोम-रोम पुलकित हो जाता है और ह्रदय में शीतलता का अहसास होता है, ऐसा अनुपम अवसर रायपुरवासियों को मिला है कि पूरे महोत्सव को एक साथ बैठ कर देख सके और सकल संघ की निश्रा में अपने आप को गौरवान्वित महसूस करे।

इस रत्नपुरी नगरी की शोभा बड़ी अद्भूत है, इसके विशाल पंडाल, भोजन शाला एवं बाह्य सुंदरता देखने योग्य है, पूरे नगर को फूलों से सजाया गया है, विशाल हाथी द्वार पर खड़े है, झरनों से उड़ती पानी की शीतल जल धारा इस गर्मी में ठण्ड का अनुभव देती है। प्रदर्शनी स्थल, चिकित्सा विभाग आदि अनेक संकुल बनाये गए है। रायपुर के सभी जैन मंदिरो से दादाबाड़ी एवं रत्नपुरी नगर आने-जाने के लिए गाडिय़ों की व्यवस्था भी जैन समाज ने उपलब्ध करवाई है। बाहर से आने वाले लगभग 10000 लोगों के आवास के लिए सभी धर्मशालाओं में व्यवस्था की गई है। ऋषभ देव मंदिर ट्रस्ट के साथ पूरा जैन समाज इस महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने में जुटा हुआ है।