समाज प्रमुखों को बाल-विवाह के रोकथाम के लिए दी जानकारी

बलौदाबाजार ,23 फरवरी । महिला बाल विकास विभाग ने संयुक्त जिला कार्यालय के सभागार में बाल-विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में विशेष रूप से विभिन्न समाजों के प्रमुख भी उपस्थित रहे। संयुक्त कलेक्टर बजरंग दुबे ने बाल विवाह के दुष्परिणामों एवं उससे सम्बंधित प्रभावी कानूनों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने सभी समाज प्रमुखों से आग्रह करते हुए बाल विवाह के प्रति जागरुकता लाने एवं बाल विवाह प्रति मुखर होने कहा। आप सभी को यदि बाल विवाह की जानकारी मिलती है तो तत्काल हमे सूचना पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति,विकासखण्ड स्तरीय,बाल संरक्षण समिति, पुलिस विभाग,महिला एवं बाल विकास विभाग, तथा हेल्प लाईन नम्बर 1098,181 व 112 में दे सकते है।

कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी एल.आर.कच्छप ने ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों में विवाह पंजीयन के अनिवार्यता के संबंध में जानकारी दी। इसके साथ ही 30 मार्च को रामनवमी तथा 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर बडी संख्या में विवाह का आयोजन होता है। जिसमें समाज प्रमुखों द्वारा अपना अभिन्न भूमिका निभाते हुए बाल विवाह न होने देने की बात कही।

गौरतलब है बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार जो भी बाल विवाह के लिए प्रोत्साहन करते है, व कराते है तो 2 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1 लाख का दण्ड या दोनो का सजा का प्रावधान है। बाल विवाह रोकने हेतु सर्वप्रथम उम्र सत्यापन उपरांत शादी कार्ड छापने, प्रचार प्रसार, मुनादी कराने कहा,दीवाल लेखन,नारा लेखन,एवं अपने समाज में बैठक के माध्यम से जागरुकता लाने की बात कही। उक्त कार्यशाला में सभी समाज के प्रमुख सहित महिला बाल विकास विभाग,पुलिस,चाइल्ड लाइन  के सदस्य उपस्थित थे।

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