कोटवार संघ ने किया धरना प्रदर्शन, रैली निकालकर CM नाम सौंपा ज्ञापन

खरसिया,23 फरवरी   मूलभूत समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर प्रांतीय संघर्ष समिति कोटवार संघ छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में खरसिया तहसील कोटवार संघ द्वारा 1 दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं वादा निभाओ रैली का आयोजन शुक्रवार को तहसील मुख्यालय खरसिया में किया गया। 

विकासखंड के समस्त कोटवार रैली निकाल कर खरसिया अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय पहुंचे, वहीं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। तहसील कोटवार संघ के अध्यक्ष सुरूति दास ने कहा कि कोटवारों को अनावश्यक रूप से तहसील स्तर पर ड्यूटी नहीं लगाए जाने को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है।

वहीं कहा कि तहसील स्तर पर ड्यूटी लगाया जाना छत्तीसगढ़ शासन आयुक्त भू अभिलेख की भूमि राजस्व संहिता की धारा 230 के प्रावधानों के विपरीत है। ऐसे में कोटवारों को प्रावधानों के अनुरूप कार्य दिया जावे तथा कोटवारों के मूलभूत कर्तव्य के अतिरिक्त अन्य कार्य नहीं लिया जावे।

छत्तीसगढ़ शासन नहीं दे रहा शासकीय कर्मचारी का दर्जा

कोटवार आजादी के पूर्व से ही पीढ़ी दर पीढ़ी ग्रामीण स्तर में रहकर अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। परंतु सभी विभागों की चाकरी करने के बाद भी कोटवारों को शासकीय कर्मचारी का दर्जा नहीं मिल पाया है। लंबी अवधि तक सेवा देने के बाद जब सेवानिवृत्त होते हैं, तो पेंशन ग्रेजुएटी की सुविधा नहीं मिल पाती। मात्र मानदेय से परिवार का गुजर-बसर कर पाने में कोटवारों को भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

झारखंड, उड़ीसा, महाराष्ट्र जैसे निकटवर्ती राज्य में कोटवारों को नियमित कर्मचारी का दर्जा देकर उन्हें सम्मानजनक वेतन के अलावा अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं, परंतु छत्तीसगढ़ जैसे संपन्न राज्य में कोटवारों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। 23 फरवरी 2019 को कोटवारों के प्रांतीय सम्मेलन पाटन में यह आश्वासन भी दिया गया था कि स्वतंत्रता के पूर्व मालगुजारों द्वारा दी गई जमीन को आपके शासनकाल में भूमि स्वामी के हक़ में दिया गया था। वहीं उक्त जमीन को वापस छिन लिया गया है तो विधिवत उसे कोटवारों के हक में दिया जाएगा। परंतु आज तक इसमें अमल नहीं हो पाया है।