हिंदू परंपराओं के मुताबिक होली पर्व के 8 दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत हो जाती है । साल 2023 में होलाष्टक 27 फरवरी को सूर्योदय से शुरू हो जाएगा। और पूर्णिमा के दिन समाप्त होगा। खास बात ये है कि इस साल होलाष्टक 8 के स्थान पर 9 दिनों का होगा। दरअसल दो दिन पड़ने वाली एकादशी तिथि तिथि के कारण इस बार होलाष्टक 9 दिन का हो रहा है।
होलाष्टक में नहीं करते शुभ कार्य
होलाष्टक के दौरान कभी भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। होलाष्टक की शुरुआत 27 फरवरी से हो रही है, जो 7 मार्च तक चलेगा। इस दौरान सभी मांगलिक कार्य पूरी तरह से वर्जित होगा। होलाष्टक में भगवान विष्णु की आराधना करना फलदायी माना जाता है। होलाष्टक के दिन ही बुध ग्रह मकर राशि से शाम 4.46 कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
27 साल बाद फागुन में दो एकादशी
इस बार होलाष्टक पर विशेष संयोग यह है कि 27 साल बाद फाल्गुन मास में शुक्ल पक्ष में दो एकादशी का संयोग बन रहा है। 2 मार्च को स्मार्त और अगले दिन वैष्णव मतवाले एकादशी व्रत करेंगे।
होलाष्टक के दौरान कभी न करें ये काम
धार्मिक मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान मुंडन, विवाह, नामकरण, अन्नप्राशन सहित 16 संस्कारों में से किसी का भी संचालन नहीं करना चाहिए अन्यथा इसके दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा कोई नई खरीदारी भी नहीं करनी चाहिए। नए व्यवसाय की शुरुआत भी न करें। होलाष्टक के दौरान किसी मकान या प्लॉट की रजिस्ट्री भी नहीं करानी चाहिए।
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