गोधन न्याय योजना : किसी के बेटी की शादी में बना मददगार, तो कोई व्यवसाय खड़ा कर हुआ आत्मनिर्भर

कवर्धा ,20 फरवरी । राज्य में पशुधन संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई। शासन की जनकल्याणकारी योजना से ग्रामीण और शहरी इलाकों में पशुपालकों को आमदनी का अतिरिक्त जरिया मिला है। इस योजना के तहत शासन राज्य के गौठानों में 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर क्रय कर रही है, जिससे राज्य में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है। कभी गोबर का कोई मोल नहीं था लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने गोबर का दाम देकर गौपालकों के आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव किया है। कबीरधाम जिले में गोधन न्याय योजना से किसी के बेटी की शादी में मददगार बन रहा है तो किसी को व्यवसाय प्रारंभ कर आत्मा निर्भर बन रहे है। गोधन न्याय योजना से परिवार के विभिन्न आयोजनों में काम, जरूरतों को पूरा कर रहे है।  

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए शासन द्वारा सुराजी गांव योजना के द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने विभिन्न योजना प्रारंभ किए गए हैं, जिनमें से एक है गोधन न्याय योजना। इस योजना से जुड़े हितग्राही गोवंश चराने के परंपरागत कार्य को करते हुए गौठान में गोबर बेच रहे हैं और इससे उन्हें बहुत लाभ मिल रहा है। जिले के 341 गौठानो में गोबर खरीदी हो रही है। अभी तक 346476.40 क्विंटल गोबर की खरीदी किया जा चुका है और इसके लिए 692.95 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। गोधन न्याय योजना से जुड़कर ग्रामीण हितग्राही लाभ कमा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर स्व-सहायता समूह की महिलाएं क्रय किए गए गोबर से वर्मी खाद का निर्माण कर उसे बेचते हुए फायदा ले रही हैं।

कहते हैं अपनी बिटिया की धूमधाम से शादी कर विदा करना हर माता पिता का सपना होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए माता पिता शुरू से अपने बच्चों के लिए पैसे जोड़ते हैं। लेकिन यह कठिन तब होता है जब परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर हो। लेकिन ग्राम पंचायत बिडोरा की पार्वती यादव के लिए गोधन न्याय योजना बहुत फायदेमंद सिद्ध हुआ। 566.15 क्विंटल गोबर बेचकर 1 लाख 13 हजार 230 रुपए की आमदनी प्राप्त हुई। इस पैसे से पार्वती ने अपनी लड़की की शादी बड़े ही धूमधाम से करते हुए उसे विदा किया। उन्होंने बताया कि अपनी बच्ची की शादी में कोई कमी ना हो यह चिंता हमेशा सताती रहती थी। मैं इस योजना से जब जुड़ी तो मुझे नहीं लगा की इतना फायदा होगा। लाख रुपए देखते ही देखते मेरे बैंक खाते में आ गए वह भी उस काम के लिए जो मैं हमेशा से करती आई थी। लेकिन इसके पहले इतना फायदा कभी नहीं हुआ जो को गोधन न्याय योजना से मुझे मिला है।

संगीता यादव के गहनों का शौक हुआ पूरा

विकासखंड सहसपुर लोहारा के ग्राम पंचायत बचेडी निवासी श्रीमती संगीता यादव ने गोधन न्याय योजना के सहारे 581.22 क्विंटल गोबर को बेचकर अभी तक 1 लाख 16 हजार 244 रुपए की आमदनी प्राप्त की है। इन पैसों से  संगीता ने बताया कि वे अपने लिए चांदी के गहने लिए और डिलीवरी एवं छुट्टी के दौरान होने वाले खर्च को पूरा करने में बहुत मदद मिली है। उन्होंने बताया कि मैं कभी नहीं सोची थीं कि गोबर बेचकर इतना फायदा मिलेगा जिसमें लाख रुपए से ज्यादा मेरे बैंक खाते में आ गया। मेरे घर की जरूरत के साथ गहनों का भी शौक पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि सच में हमर कका के गोधन न्याय योजना मोर जीवन मा अतेक खुशियां ला डालिस के ये काम मा सिर्फ फायदा ही फायदा हावे।

विनोद कुमार यादव की आर्थिक तंगी हुई दूर

गोधन न्याय योजना में गोबर बेचकर मिले पैसे से मैंने अपना व्यवसाय खड़ा किया हु। 3 भैंस खरीद कर दूध बेच रहा हूं जिससे अब प्रतिदिन 6 सौ रुपए की आमदनी होने लगा है। अपने पास के गौठान में गोबर बेचने से मुझे इतना फायदा हुआ कि अब मैं पैसे की तंगी से बाहर आ गया। मेरे जैसा अनपढ़ व्यक्ति इस योजना का साथ पाकर आत्मनिर्भर हो गया हूं। यह कहानी है ग्राम पंचायत उदका विकासखंड पंडरिया के विनोद कुमार यादव की जिन्होंने गोधन न्याय योजना में 257.49 क्विंटल गोबर बेचकर कर लगभग 50 हजार से अधिक की आमदनी कमाए और इन पैसे से तीन भैंस लेकर दूध बेचने का व्यवसाय कर रहे हैं। प्रतिदिन लगभग 20 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है जो 30 से 35 रुपए में बिक जाता है।

हितग्राहियों के आवश्यकताओं को पूरा करने का आधार स्तंभ है गोधन न्याय योजना : सीईओ संदीप अग्रवाल

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि जिले में विभिन्न हितग्राहियों का पंजीयन गोधन न्याय योजना के अंतर्गत हुआ है। जो अपने ग्राम पंचायत के गौठान में गोबर बेचकर सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। योजना के मिले पैसे से ग्रामीणों को अपनी दैनिक जरूरतों की पूर्ति करने में बहुत मदद मिल रहा है। परंपरागत कार्यों को करते हुए इतनी बड़ी आमदनी ग्रामीणों को मिल रही है जिसके सहायता से कोई हितग्राही व्यवसाय खड़ा कर रहा है तो कोई अपने बच्चों की शादी का खर्च उठा रहा है या अपने शौक की पूर्ति कर रहे हैं।