Vedant Samachar

चंडीगढ़ सुखना लेक पर फिर बनेगा रोइंग टावर,WII देहरादून ने दी मंजूरी; 16 साल बाद अंतरराष्ट्रीय मैच की कर सकेंगे मेजबानी

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चंडीगढ़,29अप्रैल 2025: चंडीगढ़ स्थित सुखना लेक पर रोइंग टावर के पुनर्निर्माण को आखिरकार हरी झंडी मिल गई है। भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) देहरादून ने अपनी रिपोर्ट में साफ कर दिया है कि रोइंग टावर बनाने से वन्य जीवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। इसके बाद खेल विभाग जल्द ही निर्माण कार्य शुरू करेगा। विभाग और डब्ल्यूआईआई की 5 सदस्यीय टीम के बीच बैठक में यह फैसला लिया गया।

बैठक के दौरान रोइंग कोर्स के बीच बने बांध पर भी चर्चा हुई। टीम ने कहा कि बांध हटाने से पहले जलीय जीवों के संरक्षण को लेकर स्टडी की जाएगी। बांध हटाने के तरीके और इसके प्रभावों पर रिपोर्ट एक माह में खेल विभाग को सौंपी जाएगी। इसके बाद बांध हटाने का फैसला लिया जाएगा। बांध हटने के बाद सुखना में फिर से 2 किलोमीटर का पूरा रोइंग कोर्स तैयार हो जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए जरूरी है।

शॉर्ट सर्किट से जला रोइंग टावर

1989 में प्रशासन ने रोइंग खेल को बढ़ावा देने के लिए सुखना लेक पर रोइंग टावर बनाया था। इसके चलते शहर को अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की मेजबानी भी मिली थी। लेकिन 7 अक्टूबर 2009 को शॉर्ट सर्किट के कारण टावर में आग लग गई थी। इसके बाद से अब तक सुखना पर नया रोइंग टावर नहीं बन पाया था।

गाद निकालने के लिए 2016 में बना बांध

2015-16 में सुखना लेक से गाद निकालने के लिए प्रशासन ने रोइंग कोर्स के बीच एक अस्थायी बांध बना दिया था। इस बांध के चलते 2 किलोमीटर लंबा रोइंग कोर्स सिमटकर सिर्फ 1 किलोमीटर रह गया था, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं कराना संभव नहीं रहा। अब खेल विभाग इस बांध को हटाकर दोबारा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रोइंग कोर्स बनाने की तैयारी में है।

चंडीगढ़ स्पोर्टस डायरेक्टर सौरभ अरोड़ा ने बताया कि रोइंग कोर्स के पुनर्निर्माण के लिए सारी औपचारिकताएं तेजी से पूरी की जा रही हैं। सभी जरूरी मंजूरियां मिलने के बाद सुखना लेक पर दोबारा रोइंग टावर और वॉचिंग टावर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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