कीर्तन मंडलियों को मान्यता देने की मांग, मुहिम से जुड़े हजारों लोग

रायगढ़,19 फरवरी  प्रदेश के अन्य कला संस्कृतियों की तरह कीर्तन संस्कृति भी छत्तीसगढ़ कला संस्कृति का हिस्सा है। प्रदेश में हजारों की संख्या में लोग इस संस्कृति को स्वीकार करते हैं तथा हजारों की संख्या में कीर्तन मंडलिया संचालित हैं, परंतु प्रदेश में इनकी कोई शासकीय पहचान नहीं है। सरकार इन्हें छत्तीसगढ़ कला संस्कृति में शामिल कर कीर्तन मंडली को भी शासन स्तर पर प्रोत्साहित करें कि मांग को लेकर क्या किया गया। जब तक कीर्तन मंडलियों को शासन स्तर पर मान्यता नहीं मिलेगी यह सम्मेलन और संघर्ष जारी रहेगा। उक्त बातें समाजसेवी शंकरलाल अग्रवाल द्वारा कार्यक्रम में कही गई। समाजसेवी शंकरलाल अग्रवाल के द्वारा सनातन संस्कृति के कीर्तन मंडलियों को छत्तीसगढ़ कला संस्कृति में शामिल किए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ का प्रथम कीर्तन महासम्मेलन का आयोजन ग्राम कुकुर्दा में किया गया। कार्यक्रम में पूरे क्षेत्र के आम जनता और कीर्तन मंडलियों का भारी समर्थन मिला है।

कार्यक्रम के प्रथम चरण में हजारों लोग ग्राम को कुर्दा पहुंचे। जहां लोगों ने शंकर लाल अग्रवाल के द्वारा चलाए जा रहे मुहिम को लोगों ने अपना समर्थन दिया है। कांग्रेस नेता व समाजसेवी शंकरलाल अग्रवाल द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ का प्रथम कीर्तन महासम्मेलन शत प्रतिशत सफल रहा। कुकुर्दा में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में 20 गांव के लोगों ने भाग लिया रायगढ़ के शंकरलाल अग्रवाल द्वारा चलाए गए मुहिम क्षेत्र में व्यापक असर दिखा हजारों की तादाद में ग्रामीण सम्मेलन में शामिल हुए कार्यक्रम में शामिल हजारों लोगों ने एक स्वर में शंकर लाल के समर्थन में हाथ खड़ा कर कहां की हम आपके संघर्ष पद पर हर लड़ाई लड़ने को तैयार है।

शंकरलाल अग्रवाल के समाजिक संस्कृति व ग्रामीण परिवेश को प्रोत्साहित करने के इस मुहिम से क्षेत्र के युवा बुजुर्ग सामाजिक संस्था तथा महिलाएं भारी संख्या में जुड़ रही हैं। कार्यक्रम में पूर्वांचल के लगभग 20 गांव के ग्रामीण के साथ साथ पुसौर, सरिया बरमकेला रायगढ़ शहर के कई जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ के प्रथम कीर्तन महासम्मेलन के गवाह बने। कार्यक्रम में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के संयोजक शंकरलाल अग्रवाल ने पूरे प्रदेश में संचालित कीर्तन मंडलियों को छत्तीसगढ़ कला संस्कृति में शामिल करने उनका विधिवत पंजीयन कराएं जाने पर जोर दिया। विदित हो कि इस संबंध में शंकरलाल अग्रवाल ने सांस्कृतिक मंत्री से मुलाकात कर उन्हें एक पत्र भी सौंपा है।

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सम्मेलन का आयोजन एवं संचालन में ग्राम पंचायत कुकुर्दा सहित पूर्वांचल के युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम संयोजक शंकरलाल अग्रवाल ने आयोजक समिति गांव के महिला समिति तथा सभी वर्ग व वरिष्ठ जनों का आभार व्यक्त किया है। यह आयोजन ऐतिहासिक तथा जनहित के लिए आवश्यक है कीर्तन संस्कृति से जुड़े लाखों लोगों को इस आयोजन से एक नई ऊर्जा प्राप्त हो रहा है। रायगढ़ के शंकरलाल अग्रवाल का सनातन संस्कृति के प्रति प्रेम एवं जनसेवा की जितनी प्रशंसा की के जावे बहुत कम है हम पूरे क्षेत्र के लोग उनके साथ खड़े हैं, उक्त उद्गार सरोज गुप्ता ग्राम पंचायत लोइंग ने व्यक्त किया।