पूर्णश्री की ओडिसी नृत्य ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

अम्बिकापुर ,18 फरवरी । मैनपाट महोत्सव के समापन अवसर पर डॉ पूर्णश्री राउत की मनमोहक ओडिशी नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। पूर्णश्री ने काल्पनिक रूप से राधा के मनोदशा व शारीरिक हाव-भाव को नृत्य के साथ सुंदर अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। डॉ पूर्णश्री राउत ओडि़शी की प्रख्यात नृत्यांगना है, जो करीब 6 वर्ष की आयु से इसकी साधना कर रही है। पद्मभूषण गुरु केलुचरण महापात्र की शिष्य रही है। दूरदर्शन के उच्च श्रेणी के कलाकार रही है तथा कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। देश-विदेश में इनकी प्रस्तुति होते रहती है।

2009 से 2015 तक दृष्टि बाधित बच्चों को ओडिसी नृत्य की तालीम दी, जिसके लिए उन्हें विशेष सम्मान दिया गया। छत्तीसगढ़ शासन समाज कल्याण विभाग की ओर से ओडिसी नृत्य कला साहित्य को दृष्टि बाधित बच्चों के लिए ब्रेल लिपि में रूपांतरित किया गया। डॉ राउत छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाले संस्कृतिक कार्यक्रमो में अपनी प्रस्तुति देती रहती है। वर्तमान में वे स्कूली बच्चां को ओडिसी नृत्य सीखा रही है।

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