रायपुर,17 फरवरी । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में संचालित कैरियर डेव्हलपमेंट सेन्टर द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (NAARM), भारतीय कृषि प्रबंधन अकादमी (NAHEP), के सहयोग से कृषि छात्रों के लिए ‘‘कैरियर काउंसलिंग एवं व्यक्तित्व विकास पर परिसंवाद श्रृंखला’’ का आयोजन किया जा रहा है। इस परिसंवाद श्रृंखला के तहत 16 से 23 फरवरी तक विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे। इस परिसंवाद श्रृंखला के द्वितीय दिवस वी.एन.आर. ग्रुप के संस्थापक सदस्य अरविन्द अग्रवाल ने ‘‘रोजगार के भावी स्वरूप पर आधारित कौशल विकास विषय पर विशेष व्याखन देते हुए कहा कि स्थानीय परिस्थिति और संसाधनों को देखते हुए व्यक्तित्व विकास में आने वाले अवरोधों का हल निकालना चाहिए। उन्होंने व्यक्तित्व विकास में वित्त और विपणन में आपसी संबंध स्थापित करने पर जोर दिया और विद्यार्थियों को बताया कि अवस्था के अनुसार ही चहुमुखी विकास होता है।
उन्होंने विद्यार्थियों को स्वाट विश्लेषण की चर्चा करते हुए दृढ़ इच्छा शक्ति, कमजोरी, अवसर और चुनौती के अनुसार छात्र अपने-आप को पहचाने। उन्होंने कहा कि कृषि में व्यापक संभावनाएं हैं जिसमें बीज से लकर उत्पादन तक सभी पहलू महत्वपूर्ण है। मुख्या वक्ता अरविन्द अग्रवाल ने विद्यार्थियों द्वारा ज्वलंत विषयों पर पूंछ गये प्रश्नों एवं शंकाओं का समाधान किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा ने की। इस छह दिवसीय परिसंवाद श्रृंखला का आयोजन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल के कुशल मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों के कैरियर काउंसलिंग एवं व्यक्तित्व विकास पर आधारित विभिन्न विषयों पर प्रति दिन अपरान्ह 03 बजे से विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिया जा रहा है। इस परिसंवाद श्रृंखला में शामिल होने के लिए प्रतिभागी गूगल फॉम लिंक http://forms.gle/yEr3eXCF39Gcjh9s9, पर जाकर अपना पंजीयन करा सकते हैं। पंजीकृत प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। इस छह दिवसीय कार्यक्रम का यूट्यूब पर भी लाईव टेलीकास्ट किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीप्ति झा ने किया एवं अन्त में आभार प्रदर्शन डॉ. शुभा बनर्जी किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, वैज्ञानिकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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