धमतरी ,16 फरवरी । नगरी-सिहावा वनांचल के 9 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले 25 गांवों में पिछले कई दिनों से बिजली कटौती हो रही है। इस बिजली कटौती के विरोध में सैकड़ों ग्रामीणों ने गुरूवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर घेराव किया। नगरी-सिहावा क्षेत्र के करैहा फीडर सब स्टेशन सरईटोला (गट्टीसिल्ली) उपसंभाग बेलरगांव जिला धमतरी के अंतर्गत 9 ग्राम पंचायतों में 25 गांव करैहा, महमल्ला, कुम्हड़ाकोट, आमदी, नेगीनाला, पलारीखार, सारंगपुरी, चिंवर्री, सांकरा, कुकरीकोन्हा, अर्जुनी, लिटीपारा, झुझराकसा, बेधवा, खैरभर्री, विटलिंगपारा, गोंदलानाला, गट्टासिल्ली, गोविंदपुर, बटनहर्रा, दाबगांव, कोटगांव, घोटगांव, कोर्रेमुड़ा आदि गांवों में विद्युत कटौती हो रही है। सुबह 6 बजे से 12 बजे तक लगातार कटौती के उपरांत बार-बार विद्युत बंद तथा रात में कई बार 12 घंटे तक विद्युत गुल हो जाती है।
गली मार्ग में कुछ लोगों का बोरिंग लाईन चालू है। घरों में सिंगल लाईन मोटर कनेक्शन होने के कारण मोटर भार नहीं उठा पाता। जिसके चलते पेयजल की भी परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने कहा कि विद्युत विभाग इस मामले में मनमानी कर रहा है। करैहा एवं महमल्ला फीडर में करीबन 600 ट्यबेल है। सरईटोला सब स्टेशन एवं बेलरगांव उपसंभाग से ग्रामीणों द्वारा संपर्क किया गया तो सही जवाब मिलने के बजाये धमतरी संभाग से संपर्क करने कहा गया। ग्रामीणों का कहना है कि विद्युत व्यवस्था तत्काल सुधारकर उपभोक्ताओं को पेयजल एवं फसलों को पानी की सुविधा प्रदान की जाये। इसके अलावा समूह अनुसार स्थाई कनेक्शन हेतु एग्रीमेंट के आधार पर डिमांट राशि पटाई गई है, उन्हें तत्काल कनेक्शन दिलाया जाये।
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कलेक्टोरेट पहुंचकर प्रदर्शन करने वालों में श्रीराम मंडावी, रामेश्वर मंडावी, गिरधर मरकाम, पुनऊराम मंडावी, नियाज सलाम, बुधुराम मंडावी, अजय मंडावी, विष्णुराम पांडे, सियाराम बट्टी, जलसिंग मंडावी, सदाराम नेताम, रोहित यादव, मयाराम यादव, जयकुमार मरकाम, सुबेश सलाम, रामनाथ, करण, कन्हैया, लक्ष्मण, बिदेराम, गणेश साहू, बंशीराम, रामभरोसा, अनिल, तुलाराम, अभयराम, कचरूराम, धनेश, दुलेश, जागेश्वर, चैतराम आदि शामिल रहे।
क्षेत्र के विधायक के खिलाफ भी आक्रोश
वनांचल से पहुंचे ग्रामीणों ने विद्युत कटौती मामले को लेकर सिहावा विधायक के प्रति भी आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि को चाहिए कि जनता की समस्याओं का निदान करें। लेकिन हमारे क्षेत्र की विधायक इस दिशा में मौन हंै। समस्याओं का निराकरण शीघ्र कराया जाये नहीं तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।