Nikki Murder Case : पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया सनसनीखेज सच, डॉक्टर बोले- फ्रिज में था शव, इसलिए धीरे…

Nikki Murder Case : निक्की यादव के शव का बुधवार को दिल्ली के दीनदयाल अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि निक्की की मौत गला घोंटने से हुई है। पोस्टमार्टम में शव पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं मिले हैं। पुलिस ने कहा कि निक्की के शव का पोस्टमॉर्टम दो घंटे से अधिक समय तक चला। डॉक्टरों की प्रारंभिक राय के अनुसार गला घोटने के कारण मौत हुई। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक डाटा केबल से गला घोटा गया था। चूंकि शव को चार दिनों से अधिक समय तक फ्रिज के अंदर रखा गया था, इसलिए वह धीरे-धीरे खराब हो रहा था। निक्की के शव का हरियाणा के झज्जर के खेड़ी खुम्मार गांव में परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। 

दरअसल, हरियाणा के झज्जर के खेड़ी खुम्मार गांव निवासी निक्की के शव का गांव में दिनभर इंतजार किया जाता रहा। गांव की गलियां दिनभर सूनी रहीं। बुधवार शाम को 5:48 बजे एंबुलेंस से शव लेकर पुलिस गांव पहुंची तो काफी संख्या में लोग वहां पर पहुंच गए। मात्र सात मिनट में शव को घर पर रखा गया और मां ने बेटी के अंतिम दर्शन किए।

इसके बाद शवयात्रा श्मशान पहुंची। प्रशासन की ओर से पहले से ही अंतिम संस्कार की सभी तैयारी पूरी कर ली गई थी। मात्र 22 मिनट में गमगीन माहौल के बीच शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। छोटे भाई ने बहन को मुखाग्नि दी।

निक्की यादव के परिवार के लोग ही नहीं बल्कि पूरे गांव के लोगों में वारदात को लेकर गुस्सा था। परिवार के लोगों का मीडिया के प्रति भी आक्रोश था। परिवार के लोगों में कहा कि लिव इन रिलेशन का मामला बनाकर दिखाया जा रहा है। फ्रेंडशिप का मामला हो सकता है। बेटी की हत्या बहला-फुसला कर की गई है।

पिता की देखभाल के लिए आते थे सुनील ग्रामीण सुनील के परिवार के बारे में जानकारी साझा नहीं कर रहे थे। सुनील का दिल्ली से गांव में आने का मुख्य कारण यह भी था कि उसके छोटे भाई ने कारगिल लड़ाई के दौरान अपने अंग गवा दिए थे। इस कारण वह अपने माता-पिता को संभालने में असमर्थ थे। सुनील के पिता रामकिशन को ऊंचा सुनाई देने लगा था और पैरों से चलने में भी समस्या हो रही थी, उन्होंने अपने बेटों को देखभाल के लिए गांव बुला लिया था।

निक्की के पिता बोले, साहिल को फांसी की सजा मिलनी चाहिए


गुरुग्राम में मोटर गैरेज चलाने वाले निक्की के पिता सुनील यादव ने कहा कि हमारी बेटी चली गई। वह अब नहीं है। अब हम केवल न्याय चाहते हैं। इस क्रूर अपराध के लिए साहिल को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर इंतजार कर रहे निक्की के चचेरे भाई जगदीश यादव ने कहा कि वे साहिल गहलोत के साथ उसके संबंधों के बारे में नहीं जानते थे और न ही उसने कभी अपने परिवार के किसी सदस्य को उस व्यक्ति के बारे में बताया था।

हर चार दिन में दादा से होती थी निक्की की बात


दादा रामकिशन ने बताया कि निक्की और निधि से उनकी बात हर चार-पांच दिन में होती थी। दोनों बहनें 23 दिसंबर 2022 को साथ-साथ आई थीं। चार दिन गांव में साथ रही थीं। निक्की किसी परीक्षा के फार्म में हस्ताक्षर कराने आई थी। इसके बाद दोनों साथ चली गई थीं। वहीं ग्रामीण गांव में हर कोई निक्की को लेकर बातें करता रहा। ग्रामीण सुनील के परिवार के बारे में जानकारी साझा नहीं कर रहे थे। पूरे गांव में गम का माहौल था।

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