रायपुर ,15 फरवरी । जिला स्वास्थ्य विभाग में मंगलवार की शाम चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच जमकर लात-घूंसे चले। मारपीट के माहौल के बीच चिकित्सक ने कमरे में खुद को बंद कर अपनी जान बचाई। इस बीच चिकित्सक तीन घंटे तक कमरे में बंद रहे। इस पूरे घटनाक्रम ने जिला स्वास्थ्य विभाग के गरिमा को तार-तार कर दिया। विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि विवाद छुट्टी को लेकर था। डीडी नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी व जिला टीकाकरण अधिकारी डाक्टर प्रणव वर्मा से उनके अधीनस्थ कर्मियों ने हड़ताल में जाने के लिए छुट्टी की मांग की।
चिकित्सक ने छुट्टी देने से इनकार कर दिया तो नर्सिंग कर्मियों ने इसकी शिकायत कर्मचारी संघ से की। नर्सिंग कर्मियों का आरोप है कि जब कर्मचारी नेताओं का फोन आया तो चिकित्सक नर्सिंग कर्मियों के फोन चेक करने लगा। इसकी जानकारी लगते ही जिला स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एसएस सोनी के नेतृत्व में कर्मचारी सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे। इस बीच कहासुनी हुई और दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई। मामला अधिक बिगड़ता देख चिकित्सा अधिकारी कमरे में भागे और तीन घंटे तक बंद रहे।
इधर जिला कार्यालय में ही स्वास्थ्य कर्मचारी संघ घेरकर घंटों डटे रहे और प्रदर्शन करते रहे। डाक्टर प्रणव ने कहा कि छुट्टी को लेकर विवाद जैसी स्थिति नहीं थी। ना मैंने महिला कर्मियों के फोन चेक किए हैं। कर्मचारियों ने बेवजह मारपीट की है। दोनों पक्षों ने मामले की शिकायत पुलिस में की है। मारपीट के बीच जहां चिकित्सक तीन घंटे तक डर से खुद को कमरे में बंद कर रखे थे। वहीं यहां के मौजूद अधिकारी कर्मचारी मूकदर्शक बने रहे। किसी ने ना तो बीच बचाव की कोशिश की और ना ही मामला शांत कराया। सीएमएचओ को विवाद की जानकारी मिली तो उन्होंने छुट्टी में होने की बात कही।
देश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आलोक मिश्रा का कहना है कि चिकित्सक छुट्टी देने पर विवाद कर रहे थे। महिलाओं के फोन चेक कर रहे थे। कर्मचारी इसके विरोध में गए हुए थे। तो उन्होंने विवाद की स्थिति उत्पन्न की। इस पूरे मामले में रायपुर एमएचओ डाक्टर मिथलेश चौधरी का कहना है कि कार्यालय में कर्मचारियों व चिकित्सा अधिकारी के बीच विवाद की जानकारी मुझे मिली। मैं छुट्टी में हूं। बुधवार को इसकी जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करूंगा।
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