कोरबा 14 फरवरी (वेदांत समाचार)। अनियमित विकास व निर्माण का नियमितीकरण न कराने वाले लोगों पर नगर पालिक निगम कोरबा की कार्यवाही आज भी लगातार जारी रही। सोमवार को कोरबा, कोसाबाडी, रविशंकर शुक्ल आदि जोन में 09 दुकानों में सीलिंग की कार्यवाही किए जाने के पश्चात आज मंगलवार को दर्री, बालको व टी.पी.नगर जोन में भी 09 दुकान, मकान निगम के अधिकारियों द्वारा सील किए गए। आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने पुनः अपील करते हुए कहा है कि अनियमित विकास व निर्माण का नियमितीकरण आवश्यक है, अतः नियमितीकरण हेतु शीघ्र आवेदन प्रस्तुत करें तथा निगम की कार्यवाही से होने वाली किसी भी प्रकार की असुविधा से बचें।
यहॉं उल्लेखनीय है कि शासन ने अनियमित रूप से विकास व निर्माण करने वालों के हित में निर्णय लेते हुए अनियमित विकास के नियमितीकरण की योजना लागू की है। नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा विगत डेढ-दो माह से अधिक समय से इस पर कार्यवाही की जा रही है, निगम द्वारा इस संबंध मं सर्वेक्षण कराया गया तथा संबंधितों को नोटिस दी गई कि वे नियमितीकरण हेतु तत्काल अपने आवेदन प्रस्तुत करें, साथ ही लोगों को समझाईश भी दी गई कि वे अनिवार्य रूप से नियमितीकरण कराएं किन्तु इन सबके बावजूद भी जिन लोगों द्वारा नियमितीकरण की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की गई, आवेदन प्रस्तुत नहीं किए गए तथा किसी प्रकार की रूचि प्रदर्शित नहीं की गई, उन पर अब निगम कड़ी कार्यवाही करते हुए दुकानों, मकानों को सील करने की कार्यवाही कर रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को कोरबा, कोसाबाड़ी व रविशंकर शुक्ल आदि जोन में 09 दुकानें सील की गई थी, वहीं आज मंगलवार को दर्री, बालको व टी.पी.नगर आदि जोनों में निगम अमले ने कार्यवाही करते हुए 09 दुकान, मकानों को सील कर दिया। दर्री जोन अंतर्गत पटेलनगर एवं लाटा में 01 मेडिकल व 01 जनरल स्टोर की दुकानें, टी.पी.नगर जोन अंतर्गत ट्रेर्ड्स, टायर्स व कुल्फी सहित 03 दुकानें तथा बालको जोन अंतर्गत नया रिसदा गायत्री मंदिर रिंग रोड आदि क्षेत्रों में 04 दुकान, मकान पर सीलिंग की कार्यवाही की गई।
बिना अनुमति रोका गया निर्माण कार्य
दर्री जोन के अंतर्गत वार्ड क्र. 55 लाटा अंतर्गत 01 व्यक्ति द्वारा निगम से बिना अनुमति प्राप्त किए नियमों के विरूद्ध मकान का निर्माण कराया जा रहा था, जिसे संज्ञान में लेते हुए निगम के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर उक्त निर्माण कार्य को रोक दिया तथा संबंधित को चेतावनी दी कि वे निगम से अनुमति प्राप्त किए बिना निर्माण कार्य न करें, विधिवत अनुमति प्राप्त करने के पश्चात ही निर्माण कार्य को आगे बढ़ाएं, अन्यथा नियमों के तहत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
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