जबलपुर के लीलाराम जुलाहे की सारंगी बने आकर्षण का केंद्र

राजिम ,12 फरवरी  यूं तो माघी पुन्नी मेला में अनेक रंग देखने को मिल रहें है लेकिन इस बार मध्यप्रदेश के जबलपुर से लीलाराम जुलाहे अत्यंत प्राचीन वाद्ययंत्र सारंगी लाये हुए है जो आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। एक टोकरी में सिर में लादकर तकरीबन तीन दर्जन से अधिक सारंगी रखे हुए है। वह उसे लेकर लोगों को बजाकर सुनाते भी है। फिल्म नदिया के पार के गीत कौन दिशा में लेके चला रे बटुहिया…., बहु चर्चित फिल्म सावन को आने दो के गीत चांद जैसे मुखड़े पे बिंदिया सितारा…. ने समां बांध दिया। उन्होंने हूबहु म्यूजिक दिया। सारंग की आवाज सुनने के लिए ही लोग इकट्ठे हो रहें थे।

लीला राम जुलाहे ने बताया कि राजिम मेला में पहली बार आया हूं। भगवान कुलेश्वरनाथ महादेव का दर्शन किया और प्रतिदिन त्रिवेणी संगम में स्नान कर रहा हूं। मेरे अच्छे भाग्य है नतीजा धर्मनगरी में मुझे आने का सौभाग्य मिला। लीला राम जुलाहे की उम्र 65 वर्ष हो गयी है 10 वर्ष की उम्र से सारंगी बेच रहे है। पिछले समय नागपुर शहर में सारंगी की खूब बिक्री की थी अब राजिम मेला में धंधे अच्छी हो रही है। सारंगी की लंबाई डेढ़ फीट है जिन्हें लकड़ी से आकार दिया गया है। इसमें मिट्टी के बर्तन, कागज के टुकड़े पतला तार का इस्तेमाल किया गया है। वायलीन से तार को टच करते ही मधुर आवाज निकलती है और देखते ही देखते लोग उनके आवाज की मुरीद हो जाते है।

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