Geological Survey of India : भारत में पहली बार मिले लिथियम के भंडार

श्रीनगर,10 फरवरी । जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बताया कि भारत में पहली बार लिथियम के भंडार मिले हैं। जीएसआई ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 59 लाख टन के लिथियम अनुमानित संसाधन का पता लगा है। भारत फिलहाल लिथियम, निकल और कोबॉट के लिए आत्मनिर्भर नहीं है। दरअसल, लिथियम ईवी बैटरी में एक मुख्य घटक है।

फिलहाल इस लिथियम पर ऑस्ट्रेलिया और चीन की बादशाहत है। इन दोनों देशों को पास कई लाख टन का लिथियम के रिजर्व हैं। लेकिन भारत के खनन मंत्रालय ने बहुत बड़ी खबर दी है। सरकार ने कहा कि देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार का पता लगा है

खान मंत्रालय के अनुसार, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम अनुमानित संसाधन  का पता लगाया है। खनन सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि पहली बार लीथियम के भंडार की खोज की गई है और वह भी जम्मू-कश्मीर में पाए गए हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा अन्वेषण पर, जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम के भंडार पाए गए हैं।

यह भी पढ़े :-दो पहिया वाहन में तीन सवारियों के विरूद्ध Raipur Police की कार्यवाही

दरअसल लिथियम एक ऐसी अलौह धातु है जो किसी भी बैटरी में एक अहम घटकों में से एक है। इससे पहले, खान मंत्रालय ने कहा था कि उभरती तकनीकों के लिए महत्वपूर्ण खनिज सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए सरकार ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना से लिथियम सहित खनिजों को सुरक्षित करने के लिए कई सक्रिय उपाय कर रही है। वर्तमान में, भारत लिथियम , निकल और कोबाल्ट जैसे कई खनिजों के लिए आयात पर निर्भर है।

केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड की 62वीं बैठक में खनन सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि चाहे वह मोबाइल फोन हो या सोलर पैनल, हर जगह महत्वपूर्ण खनिजों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सोने का आयात कम किया जाता है, तो हम आत्मनिर्भर बन जाएंगे।