साइबर सुरक्षा खतरों से बचाने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान

नई दिल्ली,06 फरवरी । भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक गिरिश चंद्र मुर्मू ने लेखा परीक्षा को साइबर सुरक्षा खतरों से बचाने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए सरकारों को निजी क्षेत्र के भागीदारों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। श्री मुर्मू आज लखनऊ में शुरू हुई शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के शीर्ष लेखा परीक्षा संस्थानों की छठी बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से साइबर सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं उजागर हुई हैं। इसलिए सदस्य देशों के शीर्ष लेखा परीक्षा संस्थानों के लिए यह आवश्यक है कि वे साइबर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की जांच के लिए पर्याप्त क्षमता विकसित करें।

यह भी पढ़े :-बकरी पालन को व्यवसाय बनाकर प्रति माह 10 हजार से ज्यादा कमा रहे अनिल

श्री मुर्मू ने बताया कि भारत का नियंत्रक और महालेखा परीक्षक-सीएजी ऑडिट प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि इससे ऑडिट प्रक्रिया को अधिक कुशलता और प्रभावी दृष्टिकोण मिलता है और लेखापरीक्षा की समग्र गुणवत्ता में सुधार होता है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अवसर पर कहा कि यह बैठक सदस्य देशों को साइबर खतरों से बचाने के लिए अपने अनुभवों और सर्वोत्तम तौर तरीकों को साझा करने, लेखा परीक्षा की गुणवत्ता में सुधार और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए एक मंच प्रदान करती है।