रायपुर ,05 फरवरी । मुख्यमंत्री बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए स्थापित गोठान तेजी से ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित होने लगे हैं। गोठानों में विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ नवाचार के रूप में गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन भी शुरू हो गया है। वर्तमान में गोठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए 13 यूनिटें स्थापित हुई है, जिनमें से 12 यूनिटें शुरू हो चुकी है। गोठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए रायपुर जिले में 2, कांकेर, दुर्ग, बालोद, कोरबा, बेमेतरा, सूरजपुर, बस्तर, कोरिया, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा एवं बीजापुर में एक-एक यूनिट स्थापित की जा चुकी है। कोरिया जिले में स्थापित यूनिट को छोड़कर बाकी यूनिटों में उत्पादन शुरू हो गया है।
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रायपुर जिले के गोठानों में स्थापित दो यूनिटों द्वारा अब तक 7255 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है। कांकेर जिला प्राकृतिक पेंट के उत्पादन में दूसरे नम्बर पर है, यहां 6059 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया जा चुका है, जबकि बालोद एवं कोरबा जिले में 100-100 लीटर, बेमेतरा में 300, सूरजपुर में 500, बस्तर जिले में 120 लीटर, कोण्डागांव में 400, दंतेवाड़ा में 1102 तथा बीजापुर में 200 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन हुआ है। इस प्रकार राज्य में अब तक 17 हजार 936 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किया गया है। 9 हजार 622 लीटर प्राकृतिक पेंट के विक्रय से 22 लाख 51 हजार 110 रूपए की आय अर्जित हुई है। राज्य के 28 जिलों के 29 चिन्हित गोठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट स्थापना अंतिम चरण में है। शीघ्र ही इनसे प्राकृतिक पेंट का उत्पादन होने लगेगा।
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