रायगढ़ । दिव्यांग और मनोरोगी भतीजी की आबरू पर हाथ फिराने के मामले में आरोप प्रमाणित होने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पीड़िता के कलयुगी ताऊ को 3 बरस जेल में रहने की सजा सुनाई। साथ ही उसे डेढ़ हजार रूपये के अर्थदंड़ से दंडित भी किया है। बेटी समान भतीजी से अश्लील हरकत की यह घटना शहर के कोतरा रोड थाना क्षेत्र की है।
न्यायालय सूत्रों के मुताबिक जिला मुख्यालय से लगे ग्राम कोसमनारा बाबाधाम निवासी अघन लाल तुरी के छोटे भाई की 20 वर्षीया बेटी जन्म से शारीरिक रूप से कमजोर है। विगत 9 नवम्बर 2019 को दिव्यांग युवती की मां अपनी पड़ोस की चाची और चचेरे भाई को बेटी की देखरेख के लिए कहते हुए काम पर चली गई। शाम लगभग महिला वापस अपने घर गई और दिव्यांग बेटी को रोते देख वजह पूछा तो उसने बताया कि उसके ताऊ अघन लाल जबरन घर में घुस आया और पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें की।
युवती ने यह भी बताया कि ताऊ की बदनीयती पूर्ण हरकत से वह जोर से चिल्लाने लगी तो वह भाग निकला। चूंकि अघन लाल इसके पहले भी गंदी हरकतें कर चुका था, इसलिए अपनी दिव्यांग बेटी की आपबीती को सुन महिला ने इस बार पुलिस की मदद ली और थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई। कोतरा रोड पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 452, 354, 354 (ख) और लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 10-10 के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर केस डायरी न्यायालय में पेश किया।
फास्ट ट्रैक कोर्ट की विद्वान न्यायाधीश श्रीमती प्रतिभा वर्मा ने इस संवेदनशील प्रकरण से जुड़े पहलुओं और सबूतों के अलावे दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आरोप सिद्ध होने पर अघन लाल तुरी को 3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 15 सौ रूपये अर्थदंड से भी दंडित किया है। नियत समय पर अर्थदंड चुकता नहीं होने पर मुल्जिम को 3 माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा। इस मामले में शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।
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