कोरबा,26 जनवरी(वेदांत समाचार)।कोरबा जिले के एनटीपीसी कामगार यूनियन ने बुधवार को आरोप लगाया कि ठेकेदारों के द्वारा मजदूरों के आर्थिक हितों के साथ कुठाराघात किया जा रहा है। मनमाने तरीके से काम लेने के बाद भी मजदूरों को सरकार के द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया जा रहा है। एनटीपीसी प्रबंधन इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ है।
नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन की कोरबा परियोजना में बड़ी संख्या में ठेका मजदूर काम कर रहे हैं। मजदूरों के सामने कई समस्याएं बनी हुई हैं। कामगार यूनियन के महासचिव जीवीआर मूर्ति ने बताया कि एनटीपीसी में ठेकेदारों के द्वारा मजदूरों की छंटनी करने के साथ ही उन्हें कई तरीकों से परेशान किया जा रहा है। मजदूरों को दिखावे के लिए ज्यादा राशि दी जाती है और बाद में ठेकेदार या उनके लोग इसे वापस ले लेते हैं। इसके प्रमाण हमारे पास मौजूद हैं, जिसका वीडियो भी मजदूरों ने बनाया है।
कामगार यूनियन के महासचिव जीबीआर मूर्ति ने कहा कि एनटीपीसी में अलग-अलग निजी कंपनियां काम करती हैं। लगभग 180 कर्मचारियों का ऑनलाइन कलेक्टर दर से पेमेंट होता है, लेकिन ठेकेदार खाते में राशि डालने के बाद उसमें से कुछ राशि वापस ले लेते हैं। इसका विरोध करने पर मजदूर को काम से निकाल भी दिया जाता है। इससे गरीब मजदूरों का शोषण हो रहा है। इसकी शिकायत संबंधित एनटीपीसी प्रबंधन से भी की गई है, लेकिन उसके बावजूद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वे ठेकेदारों को संरक्षण दे रहे हैं।
कामगार यूनियन का आरोप ये भी है कि श्रम कानून का धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। श्रमिक संगठन इसका पुरजोर विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह से मनमाना रवैया चलता रहा, तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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