चार ट्रेनों को मिला स्टॉपेज, कोरोना काल के बाद से बंद थीं ट्रेनें, 5 महीने में 4 बार सांसद ने लिखी रेलमंत्री को चिट्‌ठी

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद की भी रेलमंत्री नहीं सुन रहे हैं। कोरोना काल से छोटे स्टेशनों पर बंद स्टापेज शुरू करने के लिए वे चार बार रेलमंत्री को चिट्‌ठी लिख चुके हैं और दो बार उनसे व्यक्तिगत मुलाकात भी कर चुके हैं। इसके बाद भी छोटे स्टेशनों में ट्रेनों का ठहराव शुरू नहीं हो सका है। हालांकि, उनकी मांग पर अब जाकर रेलवे ने चार ट्रेनों को तीन स्टेशनों में स्टापेज देने का फैसला लिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं बिलासपुर सांसद अरुण साव का दावा है कि कोरोना काल के बाद से छत्तीसगढ़ के रेलयात्रियों को सुविधा दिलाने के लिए वे लगातार प्रयासरत हैं।

दरअसल, रेलवे ने कोरोना काल के बाद से छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों का स्टापेज बंद कर दिया है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों के साथ ही रोजी-रोजगार करने वाले लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। इन यात्रियों को सुविधा दिलाने के लिए उन्होंने चार बार रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों के स्टापेज शुरू करने की मांग की थी।

दो से अधिक बार रेलमंत्री से मिले सांसद
इस दौरान कांग्रेस सहित अन्य संगठनों ने ट्रेनों के स्टापेज बंद करने के विरोध में रेलवे प्रशासन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन भी किया था। वहीं, स्थानीय लोगों की मांग पर सांसद साव छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओं को लेकर दो से अधिक बार रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से व्यक्तिगत मुलाकात भी कर चुके हैं। इसके बाद भी रेल मंत्री और रेलवे प्रशासन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

चार ट्रेनों को तीन स्टेशनों में स्टापेज देने की दी स्वीकृति
सांसद अरूण साव ने बताया कि उनके लगातार प्रयासों के बाद रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने चार ट्रेनों को तीन स्टेशनों में स्टापेज देने की स्वीकृति दी है। इसमें इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस को करगीरोड स्टेशन, गाड़ी संख्या 18247/748 बिलासपुर-रीवा एक्सप्रेस को बेलगहना स्टेशन, गाड़ी संख्या 18233/34 इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस के साथ ही बिल्हा स्टेशन में गाड़ी संख्या 18109/10 टाटानगर-इतवारी पैसेंजर शामिल है।

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