कोरबा,25 जनवरी(वेदांत समाचार)। रेलवे स्टेशन कोरबा में हर साल यात्रियों को पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। बावजूद इसके पेयजल को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रबंधन की अनदेखी की वजह से गर्मी के मौसम में यात्रियों को गर्म पानी पीना पड़ता है। इससे यात्रियों की प्यास नहीं बुझ पाती। इसे लेकर यात्रियों में नाराजगी रहती है। प्रबंधन वाटर कूलर को चालू करने ध्यान नहीं दे रहा है।कोरबा. रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक और दो-तीन में लगभग 70 से अधिक नल लगाए गए हैं। इनमें से कुछ की टोंटी टूटी हुई है वहीं कुछ नलों से पानी नहीं आ रहा है। प्लेटफार्म नंबर एक में लगभग चार वाटर कूलर हैं, प्लेटफार्म नंबर दो व तीन में तीन वाटर कूलर हैं। इसमें भी कुछ वाटर कूलर खराब हो गए हैं।धार नहीं हुआ तो इस बार भी गर्मी के मौसम में यात्रियों और कर्मचारियों को शीतल पेयजल के लिए भटकना पड़ सकता है। धीरे-धीरे तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है। मार्च से तेज गर्मी शुरू हो जाएगी। लेकिन रेलवे प्रबंधन स्टेशन परिसर में पेयजल की सुविधा मुहैया कराने को लेकर ध्यान नहीं दे रहा है। इसे लेकर यात्री परेशान हैं।
पिछले कई साल से इसी तरह की अव्यवस्था बनी हुई है। यात्रियों व कर्मचारियों को स्टॉल से महंगे दाम पर पानी की बोतल खरीदकर अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। इससे अतिरिक्त खर्च यात्रियों को वहन करना पड़ता है।सेकंड एंट्री में पेयजल के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है। बनाए स्लैब व नल टूटे हुए हैं, पाइप लाइन भी टूटी हुई है।टिकट काउंटर बंद होने की वजह से अफसर भी इस ओर की अव्यवस्था दूर करने को लेकर गंभीर नहीं है। परिसर में भी धूल की मोटी परत जमी हुई है। लंबे समय से परिसर के देखरेख को लेकर विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं है। इसे लेकर यात्रियों में आक्रोश है। जबकि मुख्यालय की ओर से सेकंड एंट्री को शुरू करने को लेकर कहा गया है, लेकिन प्रबंधन इसे लेकर गंभीर नहीं है।वाटर एटीएम से पांच रुपए में एक लीटर मिल जाता पानी
वाटर एटीएम जब शुरू हुई थी, तब बताया गया था कि यात्रियों को एक रुपए में 300 मिलीलीटर और पांच रुपए में एक लीटर आरओ युक्त पानी उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं बोतल के साथ आठ रुपए में एक लीटर पानी उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। जबकि स्टॉल में निजी कंपनियों का पानी का बोतल 15 से 20 रुपए में बिक रही है।
यात्री ही नहीं, कर्मचारी भी होते हैं परेशान
स्टेशन के प्लेटफार्म में शीतल पेयजल नहीं मिलने से यात्री नहीं, बल्कि रेलवे कर्मचारी भी खासे परेशान होते हैं। इसे लेकर कई बार प्रबंधन का ध्यान आकर्षित किया गया है, लेकिन समस्या को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।टे्रनों में बढ़ी भीड़
कोरोना महामारी के दौरान टे्रनो में भीड़ कम थी। स्थिति सामान्य होने के बाद टे्रनों में आवाजाही बढ़ गई है। एक्सपे्रस, पैसेंजर व मेमू लोकल में रोजाना सैंकड़ों की संख्या में यात्री सफर कर रहे हैं। इसके बाद भी स्टेशन में पेजयल की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
वाटर एटीएम को शुरू किए बिना ही हटा दिया
प्रबंधन ने यात्रियों को उचित मूल्य पर आरओ युक्त पानी उपलब्ध कराने के लिए लगभग तीन साल पहले स्टेशन में वाटर एटीएम लगाया था, लेकिन ढाई साल बाद भी एटीएम को इंस्टाल नहीं किया जा सका। अब ठेका समाप्त होने का हवाला देकर वाटर एटीएम को ही हटा दिया गया है। इससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। जनवरी के महीने में भी कुछ यात्री नहीं चाहते हुए भी स्टेशन से पानी की बोतल खरीदने को मजबूर हैं।
[metaslider id="347522"]