श्रीनगर,26 अप्रैल 2025। टीआरएफ ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से स्पष्ट रूप से इनकार किया है। संगठन ने इसे एक झूठा, जल्दबाजी और सुनियोजित प्रयास बताया है जिसका मकसद कश्मीर की प्रतिरोध भावना को बदनाम करना है।
TRF ने खुद को बताया स्थानीय और नैतिक प्रतिरोध
TRF ने खुद को स्थानीय, मानसिक और नैतिक प्रतिरोध आंदोलन बताया है और कहा कि उनका संघर्ष आजादी के लिए नहीं है, बल्कि बेकसूर लोगों की हत्या के लिए। वकील ने कहा हम न तो किसी के एजेंट हैं, न ही किसी झूठे झंडे का हिस्सा।
TRF ने पहलगाम हमले में संलिप्तता से किया इनकार
TRF के प्रवक्ता अहमद खालिद ने एक आधिकारिक बयान जारी किया कि हमले के तुरंत बाद संगठन के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक छोटा लेकिन अधिकृत संदेश पोस्ट किया गया था। संगठन ने कहा कि जांच से पता चला कि यह एक साइबर हमले से हुआ था, जिसमें भारतीय खुफिया एजेंसियों का संदेह था।
प्रवक्ता ने कहा कि यह कोई नई रणनीति नहीं है, और भारतीय एजेंसियां अक्सर डिजिटल तकनीक का उपयोग कर भ्रम फैलाने और झूठी जिम्मेदारी ठहराने का काम करती हैं।
TRF ने कहा कि पहले भी रची गई हैं झूठी कहानियां और भारत पर इतिहास में झूठे हमले और आतंकी घटनाएं गढ़ने का आरोप लगाया है।
TRF बोला हमारी लड़ाई विचारधारात्मक है, अंध हिंसा नहीं
2000 में सेना ने 35 सिखों को चट्टीसिंहपोरा में मार डाला, और दोष आतंकियों पर मढ़ा गया।
2001 में संसद पर हमला करके सैन्य तैनाती बढ़ाई गई।
2019 के पुलवामा हमले को चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया, जिसमें पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा उठाए गए प्रश्नों का भी समावेश था। अंध हिंसा नहीं, विचारधारात्मक जंग है।
TRF ने खुद को बताया स्थानीय और नैतिक प्रतिरोध
TRF ने खुद को स्थानीय, मानसिक और नैतिक प्रतिरोध आंदोलन बताया है और कहा कि उनका संघर्ष आजादी के लिए नहीं है, बल्कि बेकसूर लोगों की हत्या के लिए। वकील ने कहा हम न तो किसी के एजेंट हैं, न ही किसी झूठे झंडे का हिस्सा।
भारत का झूठ अब और नहीं छिपेगा
TRF ने दावा किया है कि भारत का झूठ अब और नहीं छिपेगा और ताकि सच्चाई सामने आ सके, वे आने वाले घंटों में अपने टेलीग्राम चैनल पर भारतीय खुफिया एजेंसियों (IB और R&AW) की संलिप्तता से जुड़े प्रमाण देंगे।
अंत में प्रवक्ता ने कहा हम अपने शहीदों, माताओं और मिट्टी के लिए लड़ रहे हैं। भारत का झूठ अब और नहीं दबेगा, वह उठेगा।