Strawberry Cultivation : 2 साल के प्रयोग के बाद अब किसान समूह में करेंगे स्ट्रॉबेरी की खेती, बरसेगा पैसा ही पैसा

कोरबा,23 जनवरी । Strawberry Cultivation : खेती-किसानी में लगातार कम होते मुनाफे के बीच किसान ऐसी फसलों की तरफ रूख कर रहे हैं, जिसकी खेती से किसान कम वक्त में बढ़िया मुनाफा कमा सकता है. जिले के करतला ब्लॉक के किसान फसल परिवर्तन के लिए आगे माने जाते हैं। धान और सब्जी के बजाय किस फसल में अधिक फायदा होगा, यह भी देखते हैं। इस बार 100.किसानों ने स्ट्रॉबेरी की खेती करने का निर्णय लिया है। लागत के साथ ही फायदा भी हैं। इस वजह से छोटे स्तर पर 5 से 10 डिसमिल में किसान फसल लेंगे। करतला से ही ब्लैक राइस की शुरुआत हुई थी। अब फल पर फोकस कर रहे हैं। यहां के किसान नाबार्ड के बाड़ी योजना से जुड़कर पहले से ही काजू व आम की पैदावार भी कर रहे हैं।

स्ट्रॉबेरी की फसल लेने की शुरुआत ढेंगुरडीह में की गई थी। फसल अच्छी होने के साथ ही मीठा भी पैदावार हुआ। इस साल नवापारा में स्ट्रॉबेरी की फसल लगाई है। अभी प्रदेश में जशपुर के बगीचा के किसान स्ट्रॉबेरी की फसल ले रहे हैं। इसके लिए सबसे जरूरी मार्केट भी है। किसानों की सहकारी समिति उसके लिए पहले से ही मार्केट बना चुकी है। ग्राम बरतोरी विकास शिक्षण समिति के अध्यक्ष सूर्यकांत सोलखे का कहना है कि किसानों कि आए बड़े इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। इसी वजह से पहले प्रयोग कर देखा गया।

एकड़ में 4 लाख तक की लागत और फायदा 18 से 20 लाख रुपए

Strawberry Cultivation : स्ट्रॉबेरी खेती थोड़ी महंगी भी है। एक एकड़ में 24 हजार तक पौधे लगा सकते हैं। इसमें चार लाख तक की लागत आती है। इसमें उत्पादन 5 से 6 टन होता है। किसानों को 18 से 20 लाख रुपए तक फायदा होगा। लागत अधिक पुणे पर छोटे स्तर पर शुरुआत हो रही है।

स्ट्रॉबेरी फसल का प्रयोग करने वाले वनस्पति विशेषज्ञ दिनेश सिंह का कहना है कि कोरबा जिले में सितंबर से मार्च तक मौसम अनुकूल है। 5 महीने की खेती में किसान अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। अगर किसानों के पास पाली हाउस और नेट हाउस है तो और भी बेहतर है।