रायगढ़,18 जनवरी । जिले की सहकारी समितियों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। संचालक मंडल और प्रबंधकों के जरिए सहकारिता विभाग ने इस संस्थाओं को बुरी तरह निचोड़ा है। अपेक्स बैंक ने कई महीने पहले 25 समितियों के स्पेशल ऑडिट करने का आदेश दिया था। इस फाइल को सहकारिता विभाग दबाकर बैठा है।
बीते कुछ सालों में जिले की 25 समितियां ऐसी रही हैं, जो धान खरीदी के लाखों रुपए हजम कर चुकी हैं। समितियों में कई सालों तक काबिज संचालक मंडल और प्रबंधकों की मिलीभगत से समितियों पर लाखों रुपए की रिकवरी है। खाद विक्रय और लोन में भी गड़बड़ी की गई है। किसानों को मिलने वाले खाद को बाहर नकद में बेच दिया गया। सीजन के अंत में समिति पर खाद की कीमत भी वसूली जानी है। ऐसी समितियों के खातों की वास्तविक स्थिति पता ही नहीं चलती, क्योंकि हर साल रिकवरी के आंकड़े बदल जाते हैं। अब अपेक्स बैंक ने ऐसी 25 समितियों का स्पेशल ऑडिट कराने की प्रक्रिया की है।
सहकारिता विभाग को इन 25 समितियों का ऑडिट कर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इसमें पता चलेगा कि 19-20, 20-21 और 21-22 में समितियों में कितना कमीशन आया और कितनी रिकवरी शेष है। खाद विक्रय और धान खरीदी में हुई गड़बड़ी के कारण समितियों को वाकई में कितना नुकसान हुआ, यह सामने आएगा। सूची में जतरी, गाताडीह, बरदुला, राजपुर, लैलूंगा, सिसरिंगा, सरिया, साल्हेओना, पंचधार, छिंद, कनकबीरा समेत 25 समितियां हैं।
रिकवरी तो नहीं करते, अब ऑडिट भी नहीं
अपेक्स बैंक ने करोड़ों रुपए की रिकवरी करने और समितियों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए स्पेशल ऑडिट का आदेश दिया है। परन्तु उपपंजीयक सहकारिता विभाग ने खाद नकद विक्रय और लोन वसूली की रिकवरी करने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की। दरअसल कई प्रबंधकों की संपत्ति कुर्क कर राशि जमा की जानी है। रिकवरी का काम भी नहीं किया जा रहा है और अब स्पेशल ऑडिट की फाइल भी दबाई गई है।
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