सुकमा ,13 जनवरी । सौर सुजला योजना का उद्देश्य जिले के कृषकों की सिंचाई आवश्यकता के लिए सोलर सिंचाई पंपों की स्थापना किया जाना है। सोलर पंप के उपयोग से जिले में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भू-जल के संरक्षण एवं संवर्धन तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायता मिलेगी। हितग्राहियों का चयन कृषि विभाग से समन्वय कर बोरवेल, कुआं, एनीकट या नदी के किनारे कृषि भूमि में सोलर पंप की स्थापना की जाती है।
मौसमी साग-सब्जी का उत्पादन
जिले के दुर्गम व वनांचल इलाके में सोलर पम्प स्थापित किये गये है। जिससे किसानों को खरीफ एवं रबी की फसल के साथ-साथ मौसमी साग-सब्जियां का उत्पादन तथा आर्थिक स्थिति में परिवर्तन हो रहा है। विद्युत विहीन खेतों में सोलर पम्प स्थापना से प्रदूषण रहित, निशुल्क बाधारहित सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है। सुकमा जिले के किसानों की दशा और दिशा बदलने में अब सौर सुजला योजना काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इस योजना के क्रियान्वयन से किसानों की मनोवृत्ति दिनचर्या जीवन स्तर में परिवर्तन आया है। इससे अब क्षेत्र के कृषक कृषि के एक सीमित दायरे से निकलकर अन्य मुनाफा देने वाली फसल लेने में उत्साह दिखा रहे हैं। इस क्रम में विकासखंड कोन्टा के मरईगुड़ा के कृषक प्रगतिशील कृषक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनके अनुसार सक्षम सिंचाई की बड़ी समस्या थी इसके लिए उन्हें लगभग चार पांच सौ मीटर दूर से अस्थाई बिजली कनेक्शन के माध्यम से सिंचाई के लिए जुगाड़ करना पड़ता था, तब कही अपनी फसलों के लिए सिंचाई की व्यवस्था कर पाते थे। अब उनके ग्राम में कृषकों द्वारा वर्ष 2020-21 में विभाग से सोलर पंप लगाने किसानों द्वारा आवेदन करने के बाद सोलर पम्प स्थापित किया गया।
इस वित्तीय वर्ष में 650 किसानों का पृथक से चयन कर सौर पम्प स्थापना की कार्य योजना तैयार की जा रही है, जिससे उनके द्वारा उत्पादित साग-सब्जियों का प्रबंध एवं विक्रय आसपास के कैम्प एवं ग्रामों में किया जाएगा। अब तक ग्राम पंचायत मरईगुड़ा वन में लगभग 200 नग सोलर पम्पों की स्थापना की जा चुकी है। वहीं जिले में कृषि कार्य के लिए लगभग 3500 से अधिक सोलर पम्पों का स्थापना कार्य किया गया है।
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