कोण्डागांव, 12 जनवरी I छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर गांव मं ही रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए ‘सुराजी ग्राम योजना‘ के अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी का विकास किया जा रहा है। जिसके तहत गौठानों में ही आजीविका मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। ताकि गांव के लोगों को गौठानों में ही रोजगार के नये-नये साधन उपलब्ध कराये जाने सहित लोगों को अतिरिक्त आय का जरिया भी प्राप्त हो सके। कोण्डागांव जिले के ग्राम पंचायत बोलबाला और छोटे बंजोड़ा में 19वां पशु संगणना रिर्पाेट के अनुसार एक भी गाय नहीं थी।
गांव के लोग दूध के लिए आसपास के गांव पर ही निर्भर थे। पशु चिकित्सा विभाग की डॉ नीता मिश्रा बताती हैं कि वर्ष 2018 में बोलबाला और छोटे बंजोड़ा में ओडिसा मिल्क फेडरेशन (ओएमएफईडी), मिशन रूर्बन और राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अंतर्गत किसानों को गौठान में ही दुधारू गाय पालन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।जिससे गौठान में ही दुधारू गाय पालन से किसानों को अतिरिक्त आय का एक जरिया मिल गया है। ओडिसा मिल्क फेडरेशन द्वारा किसानों को डेयरी फार्म खोलने के लिए 65 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई। जिसमें से 40 लाख रुपए 60 गायें खरीदने और 25 लाख रुपए दूध प्रशितक प्लांट लगाने के लिए प्रदान किया गया।
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मिशन रूर्बन के अंतर्गत किसानों को प्रशिक्षण, ग्राम समिति स्थापना और प्रशिक्षण भ्रमण के लिए 3 लाख 56 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा दोनों गांव के गौठानो में शेड निर्माण कार्यों के लिए मनरेगा और डीएमएफ द्वारा 20 लाख 67 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई तथा राज्य डेयरी उद्यमिता विकास कार्यक्रम से 7 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। दिसंबर 2021 को छोटे बंजोड़ा और जनवरी 2022 को बोलबोला में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां हितग्राहियों को डेयरी फार्म की बारीकियों को समझाया गया। पशुधन विकास विभाग और कृषि विज्ञान केन्द्र कोंडागांव द्वारा मार्च 2022 में हितग्राहियों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण भ्रमण के लिए ओडिसा ले जाया गया जहां उन्हें दूध प्रशितक प्लांट से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई।
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जुलाई 2022 में मुख्यमंत्री जी ने ‘हमर गरूवा हमर गौठान कार्यक्रम‘ के तहत बोलबोला के 5 हितग्राहियों को अनुदान स्वरूप एक-एक दुधारू गाय खरीदने के लिए 2 लाख 33 हजार रुपए का चेक प्रदान किया। तत्पश्चात 17 दिसंबर 2022 को आदिवासी परियोजना मद के तहत उन्नत नस्ल के 10 दुधारू गाय हितग्राहियों को प्रदान किया गया। राज्य डेयरी उद्यमिता विकास द्वारा 2 हितग्राहियों को एक-एक गाय और प्रदान किया गया है। हाल ही में ग्राम पंचायत बोलबोला में रूर्बन मिशन अंतर्गत पशु सखी, पशुधन मित्र एवं डेयरी हितग्राहियों हेतु आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें उन्हें बरसीम चारा उत्पादन सहित डेयरी के चार स्तंभों ब्रीडिंग, फिडिंग, विडिंग एवं हिडिंग के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए स्वच्छता, दुग्ध उत्पादन, पशु पोषण, पशु स्वास्थ्य प्रबंधन, प्रजनन एवं कृत्रिम गर्भाधान के संबंध में जानकारी प्रदान की गयी।
डॉ. नीता मिश्रा बताती हैं कि वर्तमान में बोलबोला गौठान में 17 गायें हैं जिससे प्रतिदिन 150 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है जिससे पास के चूरेगांव में 40 रुपए लीटर में बेचने से प्रतिदिन 6000 रुपए की आय होती है तथा प्रतिदिन 6 क्विंटल गोबर की बिक्री से 1200 रुपए का अतिरिक्त आय प्राप्त हो रहा है। इसके अलावा गौ पालक किसानों को गौमूत्र से कीटनाशक बनाने का भी प्रशिक्षण दिया गया है। दूध उत्पादन से अब गांव के लोग दूध का उपयोग खाने पीने में करने लगे हैं जिससे बच्चों के कुपोषण में कमी आ रही है और उनका स्वास्थ्य भी पहले से अच्छा हो रहा है। इस परियोजना की सफलता के मद्देनजर उक्त परियोजना को प्रदेश के अन्य जिले भी अपना रहे हैं।
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ग्राम पंचायत बोलबोला के ग्राम जरेबेंद्री गौ पालक किसान दयासर मंडावी बताते हैं कि वे पहले पारंपरिक खेती-किसानी ही किया करते थे। आय का कोई अतिरिक्त साधन नहीं था। लेकिन शासन की योजना से उनके साथ 5 हितग्राहियों को राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत एक-एक गायें प्राप्त हुआ था। वर्तमान में उनके पास दो गायें हैं दोनो गायों से 10 से 11 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। जिससे उन्हें प्रतिदिन 500 रूपए तक की आय हो रही है। गाय पालन के जरिये हमारी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
इस अतिरिक्त आय से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिल रहा है। इसी प्रकार ग्राम जरेबेंद्री के गौ पालक किसान पिलसाय मंडावी बताते हैं कि ओएमएफईडी परियोजना के तहत मेरे साथ 5 हितग्राहियों को दो-दो गायें प्राप्त हुआ है। जिससे प्रतिदिन 500 रुपए तक की आय हो जाती है। इस योजना से किसानों को बहुत लाभ हो रहा है। इसके लिए हम शासन-प्रशासन का हृदय से आभार प्रकट करते हैं।
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