राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर आज पूरे देश की नजर रही। यहां पिछले दिनों हुए एमसीडी (दिल्ली महानगर पालिका) चुनाव के बाद मेयर का चुनाव होना था, लेकिन भारी हंगामे के कारण निगम निगम की कार्यवाही का स्थगित कर दिया गया। पार्षदों के शपथ-ग्रहण के दौरान आम आदमी पार्टी और भाजपा के सदस्य आमने-सामने आ गए। धक्कामुक्की हुई। इसके बाद दूसरी बार निगम की कार्यवाही चलाने के लिए सत्या शर्मा सदन पहुंचीं। सभी को अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा। हंगामा जारी रहा तो अगामी तारीख तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। पहली बार दिल्ली निगम के इतिहास में ऐसा हुआ कि बिना महापौर के चुनाव के सदन स्थगित कर दिया गया। इस तरह आज मेयर का चुनाव नहीं हो सका।
जानिए दिनभर का घटनाक्रम
15 साल बाद यहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि ऐतिहासिक जीत के बाद भी आम आदमी पार्टी के लिए अपने मेयर को जीतना आसान नहीं है। उपराज्यपाल यानी एलजी वीके सक्सेना की भूमिका बहुत अहम होने जा रही है।
महानगर पालिका में कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले पार्षदों का शपथ ग्रहण हुआ। इस दौरान पार्षदों में हाथापाई और झड़प हो गई। भाजपा और आम आदमी पार्टी ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। भाजपा सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि आम आदमी पार्टी के पार्षद उसके साथ नहीं हैं। यही कारण है कि पार्टी हंगामा कर रही है। वहीं आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि भाजपा ने उनके पार्षक पर जानलेवा हमला किया है।
कांग्रेस ने मेयर के चुनाव में हिस्सा नहीं लेना का फैसला किया है। इस पर आम आदमी पार्टी भड़क गई है। आप का आरोप है कि कांग्रेस और भाजपा में डील हो गई है। यही कारण है कि चुनाव में हिस्सा नहीं लेकर कांग्रेस, भाजपा का समर्थन कर रही है।
10 साल के अंतराल के बाद दिल्ली में सिंगल मेयर होगा। आम आदमी पार्टी ने दो, तो भाजपा ने एक उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। 250 सदस्यीय एमसीडी में आम आदमी पार्टी ने 134 सीट जीती है। मेयर पद के लिए तीन नाम दौड़ में हैं- शैली ओबेरॉय (AAP), आशु ठाकुर (AAP) और भाजपा से रेखा गुप्ता।
शुक्रवार को पार्षदों के शपथ ग्रहण और मेयर के चुनाव के अलावा डिप्टी मेयर का भी चुनाव होगा। डिप्टी मेयर पद के लिए आले मोहम्मद इकबाल (आप), जलज कुमार (आप) और कमल बागरी (भाजपा) उम्मीदवार हैं।
आम आदमी पार्टी को झटका देते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एमसीडी मेयर चुनाव से पहले कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) के पद पर भाजपा के सत्या शर्मा को नियुक्त कर दिया।
दिल्ली में महापौर का कार्यकाल पांच साल का होता है, लेकिन यहां रोटेशन पद्धति लागू है। पहला वर्ष महिलाओं के लिए आरक्षित है, दूसरा खुले वर्ग के लिए, तीसरा आरक्षित वर्ग के लिए है।
कैसे होता है दिल्ली मेयर का चुनाव
दिल्ली में मेयर का चुनाव सिर्फ सिर्फ पार्षद ही नहीं करते हैं, बल्कि दिल्ली के 14 विधायक, सात लोकसभा सांसद और दिल्ली के तीन राज्यसभा सांसद भी मेयर चुनाव में मतदान करते हैं। गुप्त मतदान होगा। कोई भी पार्षद अपनी पसंद के किसी भी उम्मीदवार के लिए मतदान कर सकता है और इस मामले में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है क्योंकि यह पता लगाना असंभव है कि गुप्त मतदान में किसने किसे वोट दिया था।
चूंकि दिल्ली नगर निगम (MCD) में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं है, इसलिए पार्षदों की क्रॉस वोटिंग संभव है, और भाजपा ने दावा किया है कि शहर में फिर से पार्टी का एक मेयर होगा।