KORBA:प्रति दिन मालगाड़ी की 45 रैक से कोरबा की कोयला खदानों से निकलने वाला कोयला बाहर भेजा जा रहा..रेलवे का राजस्व बढ़ा,यात्री परेशान

कोरबा,01 जनवरी (वेदांत समाचार)।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का बिलासपुर मंडल कोरबा रेल खंड के बदौलत लगातार वाहवाही बटोरने में जुटा हुआ है। जिस रेलखंड से हर रोज करीब डेढ़ लाख टन कोयला डिस्पैच किया जाता था, उसमें 50 हजार टन की बढ़ोतरी हो गई है।अब प्रति दिन मालगाड़ी की 45 रैक से कोरबा की कोयला खदानों से निकलने वाला कोयला बाहर भेजा जा रहा है। यह आंकड़ा कभी कभी 50 के पार भी पहुंच जाता है। रेलवे को इससे मिलने वाला राजस्व भी बढ़ा है पर यात्री परेशान हैं ।

कोयला डिस्पैच बढ़ाने में कोरोना महामारी रेलवे के लिए काफी मददगार साबित हुई। एक ओर जहां पूरा देश संकट से जूझ रहा था, यात्री ट्रेनें बंद थीं, कई संयंत्र भी बंद रहे, बावजूद कोयला डिस्पैच का दायरा कम नहीं हुआ। ट्रेनों के बजाय मालगाड़ी से अधिक राजस्व मिलने लगा। इसका विपरीत असर कोरबा के यात्रियों पर पड़ा, क्योंकि यहां की अधिकांश यात्री ट्रेनों को तब शुरू किया, जब पूरे दे‌श में स्थिति सामान्य हो चुकी थी। तब कोरबा से प्रतिदिन 35 से 37 रैक कोयला डिस्पैच हो रहा था, पर कोरोना महामारी के बाद यह संख्या बढ़ी, अ ब स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि हर रोज यहां की खदानों से 45 से 45 रैक कोयला भेज रहे हैं।

यात्री ट्रेनें रोजना प्रभावित, लोगों का बढ़ा गुस्सा

कोविड 19 के बाद जिस तरह से कोयला डिस्पैच बढ़ा है, ठीक उसके बाद से शुरू होने वाली एक भी यात्री गाड़ी अपने समय पर नहीं चल रही है। हर गाड़ी 2 से 6 घंटे रोजाना देरी से चल रही है। इसके कारण यात्रियों की परेशानी लगातार बढ़ रही है। यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने अधिक खर्च करने मजबूर होना पड़ रहा। रेल प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है।

यात्री ट्रेने को समय पर नहीं चलाने का यह बड़ा कारण

कोरबा रेलखंड ही नहीं बिलासपुर जोन के अंदर तीनों डिवीजन में यात्री ट्रेनें लगातार विलंब से चलाई जा रही है, क्योंकि मालगाड़ियों का आवागमन पटरियों पर अधिक हो गया है। देश की जरूरत व आवश्यक मानते हुए कोयला डिस्पैच को प्राथमिकता दी जा रही है। रेलवे बोर्ड से भी इसका दबाव बना हुआ है। इसके कारण जोन के अंदर जितनी विलंब से कोरबा की यात्री ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उतनी किसी अन्य जोन में नहीं है।

फैक्ट फाइल

  • एक दिन में औसत डिस्पैच 46 रैक
  • प्रति रैक लोड कोयला 4000 टन
  • 46 मालगाडडी में कुल वैगन 2668
  • कुल लोड कोयला 1,84,000 टन