RAIPUR : SC-ST वर्ग के अत्याचार के मामलों पर त्वरित कार्रवाई करें : DGP जुनेजा

रायपुर,20दिसम्बर। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने कहा है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम एवं नियम के तहत शिकायतों एवं प्रकरणों बिना विलम्ब किए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों पर पीड़ित पक्ष राहत दिलाना अजाक थाने के सुपरविजन ऑफिसर का दायित्व है। डीजीपी जुनेजा बुधवार को पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर में राज्य के अजाक थानों के नोडल अधिकारी एवं वहॉं पदस्थ पुलिस अधिकारियों को एससीएसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रति संवेदीकृत करने के उद्देश्य से आज एक दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे।

पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय संविधान में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों के लिए विशेष प्रावधान किये गये हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में इस वर्ग के व्यक्ति के जीवन व संपत्ति की संरक्षण के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम लाया गया है। यह एक विशेष अधिनियम है, जो दूसरे कानूनों से हटकर है, जिसमें संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही की जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरण की शिकायत थाने में आने पर बिना विलंब किये प्रथम सूचना पत्र दर्ज किया जाना चाहिए एवं सक्रियता के साथ पीड़ित को राहत दिलाया जाना अजाक थाने के सुपरविजन आफिसर का दायित्व है।डीजीपी जुनेजा ने कहा कि प्रकरण के विवेचनाधिकारी द्वारा निर्धारित समयावधि में चालान पेश करने के बाद ट्रायल की मॉनिटरिंग करते हुए निर्धारित तिथि में पीड़ित व गवाहों की न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराई जावे। उन्होंने कहा कि अपराध के कारण हुए हानि के लिए पीड़ित को दी जाने वाली राहत राशि पर जोर देते हुए कहा कि इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ पीड़ितों को मिले इसके लिए पुलिस अधिकारियों को तत्परतापूर्वक कार्य करना चाहिए। इसी प्रकार वर्ष 2015 में इस एक्ट में हुए संशोधन, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय एवं राज्य मानव अधिकार आयोग के गाईडलाईन तथा पुलिस मुख्यालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए।

प्रशिक्षण सत्र के दौरान नेताजी सुभाषचंद्र बोस राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी, सहायक लोक अभियोजक सोहन साहू तथा हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. अंकित अवस्थी द्वारा इस अधिनियम एवं नियम के विधिक प्रावधानों, विवेचना के विभिन्न पहलु और कमी, क्षतिपूर्ति एवं विभिन्न शासकीय योजनाओं के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी। कार्यशाला में अजाक के राज्यभर के नोडल अधिकारी सहित निरीक्षक एवं उप निरीक्षक स्तर के करीब 110 अधिकारियों ने भाग लिया। पुलिस महानिरीक्षक, सीआईडी एस.सी. द्विवेदी ने कहा कि पुलिस महानिदेशक के मंशानुरूप पुलिस अधिकारियों की क्षमता वृद्धि हेतु विभिन्न विषयों पर लगातार सेमिनार एवं प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन पुलिस मुख्यालय द्वारा कराया जा रहा है।श्रीमती मिलना कुर्रे, उप पुलिस महानिरीक्षक, अजाक द्वारा कार्यशाला का सारांश प्रस्तुत करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हिमांशु गुप्ता, प्रदीप गुप्ता, विवेकानंद सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक आर.पी. साय, उप पुलिस महानिरीक्षक विनित खन्ना, आर.एन. दास, श्रीमती हिमानी खन्ना, सहायक पुलिस महानिरीक्षक मनीष शर्मा, वाय.पी. सिंह, श्रीमती पूजा अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रशांत शुक्ला सहित पुलिस मुख्यालय के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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