मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के वर्चुअल कार्यक्रम को किया सम्बोधित
’मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा’ योजना की घोषणा: योजना के लिए 100 करोड़ रूपए का प्रावधान
शालाओं, छात्रावासों, आश्रमों, शासकीय भवनों के रख रखाव और उन्नयन के लिए एक हजार करोड़ रूपए की स्वीकृति की घोषणा
’स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट आईटीआई योजना’ की घोषणा: 1200 करोड़ रूपए की राशि से होगा आईटीआई का उन्नयन
नवा रायपुर में बनने वाले संत शिरोमणी गुरू घासीदास बाबा स्मारक एवं संग्रहालय का भूमिपूजन
रायपुर, 17 दिसम्बर | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में तेजी से साकार हो रहा है हमारे पुरखों, किसानों और नौजवानों का सपना। हमारे पुरखों ने विकसित, समृद्ध और खुशहाल छत्तीसगढ़ का सपना देखा था। आज यह सपना साकार हो रहा है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय मेें छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। राज्य सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर आज पूरे राज्य में छत्तीसगढ़ गौरव दिवस मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ’मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा’ की घोषणा करते हुए इस योजना के लिए 100 करोड़ रूपए, सभी शालाओं, छात्रावासों, आश्रमों, शासकीय भवनों के रख रखाव और उन्नयन के लिए एक हजार करोड़ रूपए और तकनीकी शिक्षा के स्तर में सुधार हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के उन्नयन के लिए ’स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट आईटीआई योजना’ की घोषणा करते हुए इस योजना के लिए 1200 करोड़ रूपए देने की घोषणा की ।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ गौरव दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के साथ छत्तीसगढ़िया संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। हमारे अन्नदाता खुशहाल हैं। स्वावलंबी बन रही महिलाओं के चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक है। यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। श्री बघेल ने कहा कि हमारे पुरखों ने विकसित, समृद्ध और खुशहाल छत्तीसगढ़ का सपना देखा था। आज यह सपना साकार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने सीधे मंत्रालय जाकर 19 लाख किसानों के लगभग 11 हजार करोड़ रूपए की ऋण माफी और 2500 रूपए में धान खरीदी का फैसला लिया। इस फैसले के साथ ही न्याय का जो सफर प्रारंभ हुआ था वह आज भी जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वावलंबी गांवों का सपना देखा था उनकी परिकल्पना का अनुसरण करते हुए सुराजी गांव योजना प्रारंभ की। गांवों को उत्पादन का केन्द्र बनाने और शहरों को वाणिज्य और व्यापार का केन्द्र बनाने की शुरूआत हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 9000 से अधिक गौठानों में हजारों महिलाएं गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने सहित अनेक आजीविका मूलक गतिविधियों में संलग्न है। इससे उनकी आय बढ़ी है और वे स्वावलंबी बनी है। गौठानों में तैयार की गई लगभग 20 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खेतों में पहुंची। राज्य सरकार के आव्हान पर हजारों हजार किसानों ने मवेशियों के लिए पैरादान किया। गौठानों के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग कम करने, कार्बन उत्सर्जन कम करने छत्तीसगढ़ का छोटा सा योगदान है। हमारे चार हजार से अधिक गौठान स्वावलंबी बन गए हैं। गौठान समितियों के पास 15 से 16 लाख रूपए तक की राशि जमा है। इस राशि से ये गौठान गोबर खरीद रहे हैं और गांवों के विकास के लिए काम कर रहे हैं। यह एक बड़ा सकारात्मक बदलाव है। सामान्यतः राज्य अथवा केन्द्र सरकार से मिली राशि से गांवों के विकास के कार्य किए जाते रहे हैं। अब हमारे गौठानों ने खुद की पूंजी से गांव के विकास में योगदान देना प्रारंभ किया है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान नवा रायपुर में 4.86 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले संत शिरोमणी गुरू घासीदास बाबा स्मारक एवं संग्रहालय का भूमिपूजन किया। इस कार्य के साथ उन्होंने 33.96 करोड़ रूपए की लागत के 14 कार्यो का भूमिपूजन-लोकार्पण किया। जिनमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अनेक कन्या एवं बालक छात्रावास-आश्रमों के कार्य शामिल हैं। श्री बघेल ने इस अवसर पर राज्य सरकार के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित ’न्याय के चार साल’ और न्याय के रास्ते-सबके वास्ते’ पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर राज्य सरकार की चार वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय विनोद वर्मा और राजेश तिवारी, छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
युवाओं को रोजगार से जोड़ने 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क प्रारंभ किए जा रहे हैं, जिनमें से शैड, बिजली, पानी की व्यवस्था की गई है। यहां युवा अपने छोटे-छोटे उद्योग लगा सकते हैं। इन्हें बैंक से लोन दिलाने और रॉ मटेरियल उपलब्ध कराने में भी राज्य सरकार सहयोग करेगी। गौठानों के उत्पादों के विक्रय के लिए सी-मार्ट प्रारंभ किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की चार वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, वन अधिकार पट्टों का वितरण, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश माध्यम स्कूल, लघु वनोपजों के संग्रहण और वेल्यू ऐडिशन, घोटुल, देवगुड़ियों के विकास, राम वन गमन पर्यटन परिपथ का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य भी कर रहे हैं। उन्होंने इस संदर्भ में स्वामी विवेकानंद स्मारक की स्थापना और महान दार्शनिक नागार्जुन की तपोस्थली को विकसित करने के फैसले छत्तीसगढ़ी तीज त्यौहारों को बढ़ावा देने के प्रयासों का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और इडब्ल्यूएस को 4 प्रतिशत का आरक्षण देने का विधेयक सर्वानुमति से पारित किया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह कानून लागू होगा। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव डी.डी.सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. एस.भारतीदासन और अंकित आनंद, जनसंपर्क सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा और संचालक जनसंपर्क सौमिल रंजन चौबे सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम से विभिन्न जिलों से अनेक जनप्रतिनिधि ग्रामीण, किसान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए।
[metaslider id="347522"]