दंतेवाड़ा ,16 दिसम्बर । छग राज्य निर्वाचन आयोग ने उप निर्वाचन 2022-23 के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो चुकी है। 16 दिसम्बर से नामांकन पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे और मतदान 9 जनवरी 2023 को होगा। इसकी मतगणना 9 जनवरी को होगी। उप निर्वाचन 2022-23 के दौरान सभी अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय/अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाते हैं तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्भों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडिया लगाई जाती है, जिसके कारण शासकीय/अशासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाती है।
इस संबंध में छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा-3 में यह स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी व्यक्ति जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही खडिया रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। इसी प्रकार उप निर्वाचन 2022-23 की प्रक्रिया के दौरान चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा उक्त ग्राम पंचायतों में शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवारों पर किसी भी प्रकार के नारे लिख कर विकृत किया जाता है तो तो ऐसे कृत्यों के निवारण के लिए एक टीम तत्काल प्रभाव से गठित किया जाय। आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में टीम गठित कर जिला स्थानीय निर्वाचन कार्यालय को अवगत कराया जाये।
यदि किसी चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद गठित टीम निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं थाना प्रभारी संबंधित सूचना रिपोर्ट पर विधिवत जांच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेगा। इसी प्रकार किसी भी धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार- प्रसार के लिये नहीं किया जावेगा। थाना प्रभारी लोक सम्पत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों को एक पंजी में पंजीबद्ध करेंगे तथा शिकायत की जांच करेंगे। शिकायत पंजीबद्ध करते समय विरूपित सम्पत्ति की फोटोग्राफी/विडियोग्रफी करवायेंगे। तथ्य सही पाये जाने पर आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देशित करेंगे।
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