नई दिल्ली ,14दिसम्बर । संसद के शीतकालीन सत्र में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सेना के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 9 दिसंबर को हुई झड़प को लेकर सरकार पर चर्चा नहीं करने का आरोप लगाते हुए 17 विपक्षी दलों ने बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, एमडीएमके, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भाकपा, जनता दल-यूनाइटेड, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी उन 17 पार्टियों में शामिल थीं, जो शून्य काल के दौरान सदन से बाहर चली गईं।
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई। बैठक में डीएमके, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिवसेना, कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, जेडीयू समेत करीब 15 दलों के नेता मौजूद रहे। बैठक में भारत-चीन विवाद और अन्य मुद्दों पर संयुक्त रणनीति बनाने के लिए खड़गे के कक्ष में विपक्षी नेताओं की ये अहम बैठक हुई।
मंगलवार को संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे मामले की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा थी कि, चीनी सेना ने तवांग सेक्टर में घुसपैठ के जरिए यथास्थिति बदलने की कोशिश की, इसका भारतीय जवानों ने करारा जवाब देते हुए उन्हें वापस खदेड़ दिया। उन्होंने कहा था कि इस झड़प में दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए हैं, लेकिन किसी भी भारतीय जवान को कोई गंभीर चोट नहीं लगी और ना ही किसी की शहादत हुई है।
मंगलवार को ही सदन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चीन के आक्रमक रवैये को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सरकार कि सरकार मूकदर्शक बनकर रह गई है। उसकी तरफ से लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी की जा रही है। खड़गे ने अपने बयान में इस बात पर भी जोर दिया था कि चीन ने डेपसांग वाले इलाके में भी घुसपैठ करने की कोशिश की थी।
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