कोरबा,14दिसम्बर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत विभाग में कई वर्षों से आउटसोर्सिग ठेका प्रथा प्लेसमेंट पद्धति से कर्मचारी रखे गए हैं, यह कर्मचारी विगत कई वर्षों से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं ज्यादातर कर्मचारी नौकरी की तय उम्र सीमा के करीब है। साथ ही यह कर्मचारी पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। इनके भविष्य को सुरक्षित करने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल उदासीन है एवं ठेका कर्मचारियों के हितों में किसी प्रकार से निर्णय लेने में सक्षम नहीं है इस आशय का विज्ञापन विज्ञापन आज जिलाधीश कोरबा को स्थानीय संस्था के कर्मचारियों ने सौंपा।
दरअसल सभी कर्मचारियों को ठेकेदार के माध्यम से वेतन भुगतान किया जाता है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा के नाम पर ई.पी.एफ. और ई.एस.आई.सी. की सुविधा दी जाती है किंतु दुर्भाग्यवश से यह सुविधा सभी कर्मचारियों तक नहीं पहुंच पाती है और ना ही समय पर वेतन प्रदान किया जाता है, कई बार ठेका प्रथा हटाने के बारे में पत्राचार किया गया है किंतु विद्युत विभाग नीतिगत निर्णय का हवाला देकर ठेका कर्मियों की मांगों को पूरा नहीं करती।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस पार्टी ने
घोषणापत्र में कांग्रेस द्वारा यह वादा किया गया था कि ठेका प्रथा बंद कर दिया जाएगा। परंतु विदयुत विभाग ठेका में धड़ल्ले से शोषण किया जा रहा है। जिस के संबंध में कर्मचारियों दद्वारा बार-बार लैटर पत्राचार एवं न्यूज में जानकारी आती रही है फिर भी विदयुत विभाग द्वारा इस पर कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया जा रहा है। यह सभी घटनाएं विदयुत विभाग के अधिकारियों की मानसिकता को साफ दर्शाती है। कर्मचारियों ने मांग की है कि ठेका प्रथा बंद कर चुनाव में किया गया अपना वादा निभा कर विदयुत ठेका कर्मचारियों को शोषण से बचाए। पत्र में लिखा गया है कि निवेदन करते हैं कि विभाग और ठेका कर्मों के बीच से ठेकेदार को हटाकर सीधा विभाग से वेतन देने हेतु। विभाग को निर्देशित / अनुशंसा करने का कष्ट करें। जिसमें ज्ञापन के लिए संयुक्त महामंत्री दर्शन कुमार रजक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसमिशन जनरेशन के कोरबा जिला के तीनों अध्यक्ष उपस्थित रहे ललित बरेट राकेश साहू हेमंत साहू नारायण यादव कुमारी राधिका साहू कुमारी नंदिनी साहू जिला महिला अध्यक्ष एवं नारायण यादव सुरेश दास महंत जितेंद्र कुमार व रेट एवं समस्त कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे
[metaslider id="347522"]