वृक्षारोपण में एक अलग पहचान बनाएगा सोरम…

धमतरी। जीवन में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। बस! सकारात्मक सोंच , मेहनत, लगन और धैर्य की आवश्यकता है। विशेषज्ञों द्वारा सही दिशा-निर्देश मिल जाये तो बेजान भूमि में भी हरियाली दिखने लगती है। यह कहानी ‘‘मिश्रित वृक्षारोपण कार्य’’ ग्राम पंचायत-सोरम की जो अपनी जीती जागती तस्वीर बयां कर रही है। जिला मुख्यालय से ग्राम पंचायत-सोरम की दूरी 10 कि.मी. है। जहां लगभग-10 एकड़ भूमि में रोपित आम, जामुन, नीबू, एप्पल बेर, सीताफल, बोहार जो देखते ही बनता है। एक समय था यह बेसकीमती जमीन खाली पड़ी थी, मुरमाहा जमीन होने के कारण किसी ने कल्पना भी नहीं थी कि भागीरथ  प्रयास से गंगा को इस भूमि पर लाया जा सकता है।

कलेक्टर  पी.एस.एल्मा के अनुरूप मुख्यालय से 10 कि.मी. की दूरी में मिश्रित वृक्षारोपण करने के निर्देश के परिपालन में वर्ष 2020-21 में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत 10.66 लाख रू., डीएमएफ एवं 15वें वित्त से 5.75 लाख रू., इस तरह कुल 16.77 लाख रू. की स्वीकृति मिलने से कार्य को नया स्वरूप दिया गया। मनरेगा के तहत् कार्यरत श्रमिकों ने 5075 मानव दिवस अर्जित किया।

पौधों की सुरक्षा हेतु करौंदा रोपण व तार फेंसिंग किया गया है। पौधों की देखरेख व अंतरवर्तीय फसलों को बढ़ावा देने के लिए जय मां दुर्गा महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से सब्जी भाजी-बरबट्टी, बैगन, टमाटर की खेती की जा रही है, साथ ही मौसम के अनुकूल उत्पादित गेंदे की फूल से जय मां दुर्गा महिला समूह को अब तक 5 हजार रू. की आमदनी हो चुकी है। गेंदे का फूल सीजनेबल होने के कारण व्यापारी कलकत्ता, नागपुर से न मंगाकर सीधे सोरम नर्सरी से आर्डर करते हैं।

व्यापारी ताजा व स्वच्छ फूल का माला बनाकर उसकी चमक को बढ़ाकर दोगुना आमदनी ले रहे हैं। पौधों की सिंचाई व्यवस्था हेतु सौर उर्जा से चलने वाले एक मोटर पंप की व्यवस्था की गई है। रोपित किये गये पौधों की साफ सफाई एवं पानी की सिंचाई व्यवस्था हेतु मनरेगा श्रमिकों को नियोजित किया गया है। यही श्रमिक परिवार के सदस्य की तरह रोपित किये गये आम के पौधों की देखभाल भलीभांति से कर रहे हैं। पौधों की उंचाई लगभग 05 फीट हो गई है। निकट भविष्य में उक्त वृक्षारोपण से आय सृजन की अपार संभावनाएं हैं। 

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रियंका ऋषि महोबिया ने बताया कि ग्राम पंचायत सोरम में रिक्त पड़े लगभग 10 एकड़ भूमि पर ‘‘मिश्रित वृक्षारोपण कार्य’’ के लिए राशि 16.77 लाख रू. की स्वीकृति दी गई। इस कार्य में ग्रामीण मनरेगा श्रमिकों को नियमित रूप से काम दिया जा रहा है। सिंचाई एवं जल संरक्षण के लिए वृक्षारोपण स्थल में कुआं निर्माण हेतु 3.46 लाख की स्वीकृति दी गई है। अब समूह की महिलाएं अंर्तवर्तीय फसल का लाभ लेकर आत्मनिर्भरता की कहानी गढ़ रहे हैं। 

सरपंच  ने बताया कि मनरेगा योजना से मिश्रित पौधों का रोपण होने से जमीन की उर्वरा शक्ति में वृद्धि हुई है। सभी प्रजाति के फलदार पौधों का रोपण हुआ है। फलदार पौधों से निकट भविष्य में आमदनी होने के आसार हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं अभिसरण के माध्यम से किये गये मिश्रित वृक्षारोपण कार्य आम्रकुंज के रूप में ग्राम पंचायत सोरम की अलग पहचान बनेगी।