जुलूस, रैली अथवा आमसभा पर रोक

0.त्रि-स्तरीय पंचायत उप निर्वाचन 2022-23

जांजगीर-चांपा 13 दिसम्बर । कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट तारन प्रकाश सिन्हा के आदेश अंतर्गत धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 जिला जांजगीर-चाम्पा के संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में त्रि-स्तरीय पंचायत उप निर्वाचन 2022 संपन्न होने जा रहा है। आसन्न त्रि-स्तरीय पंचायत उप निर्वाचन 2022 में प्रचार-प्रसार के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों, समर्थकों द्वारा जुलूस रैली एवं आम सभाओं का आयोजन किया जायेगा ऐसे आयोजनों के दौरान आम सभा जुलूस रैली में सम्मिलित होने वालों के द्वारा लाठी या अन्य हथियार आदि लेकर चलने की आशंका रहती है। इस प्रकार के आयोजनों में जिले के संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह भीड़ जमा होगी तथा प्रचार-प्रसार के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा अथवा प्रत्याशी या समर्थकों के द्वारा एक दूसरे की आलोचना की आशंका है, इसकी वजह से आम सभा के दौरान, सभा स्थल, रैली एवं जुलूसों के दौरान आपस में बलवा, दंगा, मारपीट कर शांति भंग होने के प्रबल आशंका है।

छ.ग. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा भी निर्वाचन के दौरान में शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करने का निर्देश समय-समय पर जारी किया गया है। त्रि-स्तरीय पंचायत उप निर्वाचन 2022-23 के दौरान शांति भंग होने का अंदेशा है जो सामान्य जन जीवन व लोक सम्पत्ति तथा लोक शांति के लिए खतरा पैदा कर शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव में व्यवधान उत्पन्न कर सकते है। अतः मेरे मत में लोक जीवन एवं लोक सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए उत्पन्न हुए खतरे का निवारण किया जाना आवश्यक हो गया है। जिससे संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों के उप निर्वाचन में मतदाता अपने मताधिकारों का प्रयोग भयमुक्त वातावरण में निर्भयता पूर्वक कर सके।

अतएव कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट जांजगीर-चाम्पा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के तहत जिला जांजगीर-चाम्पा के संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थल, जुलूस, रैली अथवा आमसभा के दौरान कोई भी व्यक्ति शस्त्र, लाठी, बल्लम, तलवार, राड, फरसा, चौन, या अन्य हथियार न तो वे अपने साथ लेकर चलेगा और न ही उसका प्रर्दशन करेगा, कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी सशस्त्र जुलूस नहीं निकालेगा और न ही आपत्तिजनक पोस्टर वितरित करेगा, कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के न तो कोई सभा करेगा, न कोई रैली या जुलूस निकाल सकेगा और न ही कोई धरना देगा, यह आदेश उन शासकीय अधिकारियों / कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें अपने कार्य संपादन के लिये लाठी या शस्त्र रखना आवश्यक है। यह आदेश उन शासकीय कर्मचारियों पर भी लागू नहीं होगा, जिन्हें निर्वाचन व मतदान के दौरान, कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है।

यह आदेश उन व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा, जिन्हें शारीरिक दुर्बलता, वृद्धावस्था तथा लंगड़ापन होने के कारण सहारे के रूप में लाठी रखना आवश्यक होता है। इस आदेश के उल्लंघन करने वाला व्यक्ति / दल भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अंतर्गत दंण्डनीय होगा, प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए इस आदेश के संबंध में संबंधितों को सूचना पत्र जारी कर सुनवाई सम्यक रूप से संभव नहीं है. अतः यह आदेश एक पक्षीय पारित किया जाता है। यह आदेश जिला जांजगीर-चांपा के संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित जन साधारण पर लागू है, परन्तु यह आदेश कर्तव्य पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों पर लागू नही होगा, जो शस्त्र धारण करने की मान्यता रखते है। यह आदेश जनसाधारण को संबोधित है एंव समयाभाव के कारण सभी जनसाधारण पर सूचना तामिल किया जाना संभव नही है। अतः यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 की उपधारा 2 के अंतर्गत एक पक्षीय रूप से तत्काल से लागू किया गया है।