साइबर क्राइम ऑफिसर हमेशा इस बात की ताकीद करते हैं कि कभी किसी के साथ आप अपना ओटीपी शेयर न करें, वरना साइबर क्रिमिनल आपके अकाउंट को खाली कर सकते हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी विकास के साथ ही साइबर ठग भी साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीके इजाद कर लोगों को ठग रहे हैं. ताजा मामला दिल्ली के कापासेड़ा इलाके का है, जहां बिना ओटीपी शेयर किए ही पीड़ित के मोबाइल के अकाउंट से ₹50 लाख से ज्यादा की रकम निकाल ली गई.दिल्ली के कापसहेड़ा में सिक्योरिटी एजेंसी चलाने वाले एक शख्स के साथ जालसजी का अनोखा मामला उस समय सामने आया, जब उसके अकाउंट से 50 लाख 63 हजार रुपए निकाल लिए गए, वो भी तब जब उसने किसी से ओटीपी तक साझा नहीं की. दरअसल, मामला 13 नवंबर का है. पीड़ित अपने घर पर था. उसी समय उसके फोन पर अनजान नंबर से कॉल आता है. पीड़ित फोन उठाता है, लेकिन दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आती.
अलग-अलग नंबरों से आया फोन
इसके बाद अलग-अलग नंबर से कई बार फोन आता है, जिसमें कुछ मिस्ड कॉल में बदल जाती हैं. 2-3 बार वह फोन उठाता भी है, लेकिन दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आती. पीड़ित का कहना है कि 13 नवंबर की शाम करीब सात बजे से साढ़े आठ बजे के बीच ये फोन कॉल आते हैं. ये सिलसिला करीब एक घंटे तक चलता है, लेकिन उसके बाद जब वह अपने फोन पर आए मैसेज को देखता है तो उसके होश उड़ जाते हैं. उसके अकाउंट से करीब 50 लाख 63 हजार गायब हो चुके थे.
कंपनी के कर्चमारियों को नहीं दे पा रहे सैलरी
सिक्योरिटी कंपनी चलाने वाले योगेश सिंह का कहना है कि इस साइबर फ्रॉड से उनका बड़ा नुकसान हुआ है. उनकी कंपनी में लगभग 400 लोग काम करते हैं. उनकी सैलरी देने में समस्या आ रही है. साथ ही PF, ESI और GST भी नहीं भर पा रहे हैं. घर पर लड़की की शादी अगले महीने है. इस आर्थिक नुकसान की वजह से मानसिक नुकसान भी काफी हो रहा है. उनका आरोप है कि अभी तक कोई ऐसी कार्यवाही नहीं दिख रही है, जिससे उन्हें संतुष्टि मिल सके कि उनके पैसे वापस मिल सकें. उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई है. साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा जहां उनका बैंक खाता था और आरबीआई को भी शिकायत दी है, लेकिन अभी तक कहीं से कोई भी कार्यवाही संबंधित सकारात्मक रिस्पॉन्स नहीं मिला है.
इन अकाउंट में ट्रांसफर किए गए पैसे
शुरुआती जांच में पुलिस ने बताया कि RTGS के जरिए अलग-अलग खातों में पैसे भेजे गए हैं. 12 लाख रुपए भास्कर मंडल नामक व्यक्ति के खाते में, पांच लाख अविजित गिरी और 10-10 लाख के कई ट्रांजेक्शन अन्य खातों में किए गए हैं. पुलिस सभी खातों की ब्रांच चेक कर रही है. दिल्ली पुलिस प्रवक्ता सुमन नलवा का कहना है कि फ्रॉड के इस मामले को दिल्ली पुलिस की साइबर यूनिट IFSO को ट्रांसफर कर दिया है. ये अब जांच कर रही है. साथ ही दिल्ली पुलिस लोगों को ताकीद कर रही है कि किसी भी अनजान शख्स के साथ ओटीपी शेयर न करें.
वहीं साइबर एक्सपर्ट मोहित का कहना है कि कई बार मोबाइल में कोई एप्लीकेशन डाउनलोड करते वक्त कुछ परमिशन को ओके किया जाता है. साइबर फ्रॉड एप्लीकेशन से परमिशन को लेकर ओटीपी रीड कर सकते हैं. इसके अलावा साइबर क्रिमिनल बहाने से फोन लेकर कॉल फॉरवर्ड कर लेते हैं.
ठगी के नए-नए तरीके इस्तेमाल कर रहे साइबर ठग
फिलहाल साइबर एक्सपर्ट हर रोज बदलते दिन के साथ ठगी के नए-नए तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं. फिलहाल पुलिस साइबर ठगी के इस नए और अनोखे तरीके को क्रैक करने में जुटी है और साथ ही आरोपियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन मोबाइल इस्तेमाल करते वक्त काफी सावधान रहना चाहिए, क्योंकि यह साइबर मोबाइल के जरिए ही ठगी को अंजाम देते हैं.
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