दुर्ग। पैतृक जमीन बेचकर कुछ पैसे इकट्ठा किये ताकि जरूरत के समय बुढ़ापे का सहारा बन सके। लेकिन जिस बैंक की शाखा में आवेदक ने पैसे जमा कराये, उस बैंक शाखा के अधिकारी ने बिना अनुमति के भ्रम में रखकर आवेदक को गुमराह किया। आवेदक का कहना था कि अपने पैसों की सुरक्षा के लिए वो बैंक को सबसे ज्यादा कारगार समझता था। परंतु इस घटना से उसके विश्वास में कमी आई। यह मामला चंदखुरी शाखा के एक्सिस बैंक का है जिसमें आवेदक के कथनानुसार उसकी जानकारी के बिना उसके जमा राशि से बैंक के कर्मचारी द्वारा कमीशन व टारगेट पूरा करने के लिए खिलवाड़ किया गया।
आवेदक ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व उसके द्वारा उसकी पैतृक संपत्ति का विक्रय किया गया था जिससे प्राप्त राशि में से 22 लाख रुपए उसने एक्सिस बैंक में जमा किए थे। आवेदक ने आगे बताया कि वह आज के नवीनतम टेक्नोलाजी से ज्यादा परिचित नहीं है उसके मोबाइल में बैंक से राशि कटने से संबंधित एसएमएस तो आते थे परंतु उसका ध्यान उस ओर नहीं गया था। एक दिन अचानक आवेदक को बड़े राशि की आवश्यकता पड़ी। बैंक पहुंचने पर उसे पता चला कि उसके पैसे म्यूचुअल फंड और विभिन्न पॉलिसी में लगा दिए गए हैं। म्यूचुअल फंड में लगभग 6 लाख 50 हजार रुपए और 4 पॉलिसी पर लगभग 12 लाख 50 हजार रुपए की राशि बैंक द्वारा भ्रमित कर लगा दी है। इसकी शिकायत उन्होंने बैंक के शिकायत शाखा में भी की, परंतु उन्हें कोई सकारात्मक व संतोषजनक परिणाम नहीं मिला।
आवेदक की स्थिति यह है कि विषम परिस्थिति के लिए उसकी खुद की जमा पूंजी बैंक में फंस गई है। म्यूचुअल फंड व पॉलिसी भुनाने की स्थिति में 1 लाख रुपए प्रति पॉलिसी व फंड में घाटे के सामना करना पड़ेगा। इसलिए म्यूचुअल फंड व पॉलिसी को निश्चित तिथि तक रखने के लिए वह बाध्य है।
उसका कहना है कि बैंक के अधिकारी के द्वारा किए गए इस स्कैम से उसे मानसिक क्षति का भी सामना करना पड़ रहा है। इसलिए कलेक्टर से आवेदक का विशेष अनुरोध है कि एक्सिस बैंक के उस संबंधित कर्मचारी पर उचित कार्यवाही के साथ-साथ उसकी राशि उसे वापस दिलाई जाए। कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लेते हुए इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए लीड बैंक ऑफिसर को निर्देशित किया।
यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए भी जनदर्शन में आवेदन आया था। जिसमें हाईपॉवर वाले लाईट, हॉर्न, साइलेंसर एवं नियमानुरूप नंबर प्लेट पर गाड़ी क्रमांक अंकित न करने वाले वाहन मालिक पर कार्रवाई करने के लिए आवेदक द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया था। आवेदक ने बुलेट गाड़ी का विशेष जिक्र किया था। जिसमें असामाजिक तत्वों के द्वारा पटाखे की तरह आवाज करने वाला साइलेंसर लगाया जाता है। उसका कथन था कि इस प्रकार के साइलेंसर से हृदयरोगी और गर्भवती महिलाओं को नुकासान पहुंच सकता है और ऐसे चालक सामान्यतः बी.एस.पी. स्कूल भिलाई के पास सड़क नंबर 18 में उत्पाद करते देखने को भी मिलते हैं। इसलिए कलेक्टर से आवेदक ने निवेदन किया कि बुलेट व अन्य गाड़ियां जिनमें नियम का उल्लंघन किया जाता है उन पर कार्रवाई कराई जाए।
कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव को आवेदन प्रेषित किया और संबंधित क्षेत्र के अधिकारी को नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे उपद्रवी तत्वों को रोकने के लिए समय-समय पर पेट्रोलिंग कराने के निर्देश भी दिए ताकि इस प्रकार की गतिविधियों में कमी लाई जा सके।
इसके अलावा जनदर्शन में चिटफंड कंपनियों से संबंधित मामले भी आ रहे हैं। जिस पर कलेक्टर द्वारा गंभीरता पूर्वक संज्ञान लिया जा रहा है और इससे संबंधित मामलों को चिटफंड कार्रवाई के लिए बनाई गई शाखा में प्रेषित किया जा रहा है। जिसमें जो चिटफंड कंपनियां सूची में शामिल नहीं है, उनके नाम को दर्ज कराकर आवेदकों को शीघ्र राहत प्रदान की जाने की दिशा में कार्य करने का प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। जनदर्शन में आज 89 आवेदन प्राप्त हुए।
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