थाने स्तर पर जनता के शिकायतों का निराकरण किये जाने के संबंध में दिये सख्त निर्देश

दिनांक 12,दिसम्बर । को बद्री नारायण मीणा, पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर द्वारा रेंज कार्यालय बिलासपुर में रेंज अंतर्गत जिलों के पुलिस अधीक्षकों की समीक्षा बैठक ली गई। पुलिस महानिरीक्षक बद्री नारायण मीणा द्वारा जिलों की अपराध एवं कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए विभिन्न बिन्दुओं पर कार्यवाही संबंधी निर्देश दिये गये। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा जिलों में लंबित सभी गंभीर प्रकरणों विशेषकर- हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण एवं महिला व बच्चों संबंधी अपराध, गुम इंसान (महिला/पुरूष, बालक/बालिका), एससी/एसटी एक्ट के प्रकरणों के निराकरण की ओर विशेष ध्यान दिये जाने तथा लंबित ऐसे सभी प्रकरणों की समीक्षा की जाकर समयबद्ध निराकरण करने निर्देशित किया गया।

पुलिस महानिरीक्षक द्वारा जिले के थाना/चौकी में लंबित महिला एवं बच्चों से संबंधित अपराधों में सतत विवेचना कराते हुए 60 दिवस के भीतर निराकरण कराने एवं अपराधों का 60 दिवस की समयावधि के भीतर निराकरण नहीं होने पर संबंधित विवेचक की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही भी किये जाने निर्देशित किया गया। इसी प्रकार लंबित मर्ग प्रकरणों की समीक्षा करते हुए प्रकरणों के त्वरित निराकरण के संबंध में निर्देशित किया गया। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा पुलिस की क्षेत्र में प्रभावी उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा आम जनजीवन को प्रभावित करने वाले तत्वों पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही किये जाने निर्देशित किया गया।

पुलिस महानिरीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि संपत्ति संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कार्यवाही कार्यवाही की जावे साथ ही अवैध कबाड़ के कारोबार में संलिप्त व्यक्तियों की गतिविधियों पर निगाह रखे जाने एवं उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावे। संपत्ति संबंधी अपराधों को रोकने हेतु पेट्रोलिंग, रात्रि गश्त व बीट प्रणाली की पुनः समीक्षा की जावे एवं संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की प्रभावी उपस्थिति सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि जिलों में एससी/एसटी एक्ट के प्रकरणों में प्रावधानानुसार निर्धारित समयावधि में ही अपराध एवं शिकायत प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जावे तथा एससी/एसटी एक्ट के प्रकरणों तथा पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना अंतर्गत प्रकरणों में पीड़ितों को राहत के प्रकरणों का विशेष रूचि लेकर त्वरित निराकरण कराया जावे।

पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे थाना/चौकी प्रभारियों को पाबंद करें कि थाना/चौकी का कार्य सुव्यवस्थित हो, थाना/चौकी आने वालों से किसी प्रकार दुर्व्यवहार न हो, इसे सुनिश्चित करें। महिला, बच्चों एवं कमजोर वर्ग के मामलों, साम्प्रदायिक मामलों को गंभीरता से लेकर त्वरित कार्यवाही किया जावे। आम जनता की रिपोर्ट और शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही किया जावे। सड़क दुर्घटना में कमी लाये जाने हेतु चिन्हांकित दुुर्घटनाजन्य स्थलों (ब्लैक स्पॉट/ग्रे स्पॉट) का आवश्यक तकनीकी सुधार कराया जावे। हाईवे एवं मुख्य मार्गों पर बेतरतीब तरीके से खड़ी किये गये वाहनों के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत प्रभावी कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश दिये गये। जिलों में समंस/वारंट की शत-प्रतिशत तामीली सुनिश्चित करावें।

एम-पासपोर्ट के माध्यम से प्राप्त व्हेरीफिकेशन का निर्धारित 21 दिवस की समय-सीमा के भीतर अनिवार्यतः निराकरण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया जिससे थानास्तर पर प्रदाय की जाने वाली जनसुविधा समय पर प्राप्त हो सके। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार सभी जिलों में दिनांक 20.11.2022 से 20.12.2022 तक गुम बच्चों की बरामदगी हेतु ‘ऑपरेशन मुस्कान’ चलाया जा रहा है, इसके तहत जिलों में विशेष टीम गठित कर अधिक-से-अधिक गुम बच्चों की बरामदगी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिये गये। समीक्षा बैठक में उमनि. व वरि.पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्रीमती पारूल माथुर, पुलिस अधीक्षक रायगढ़ अभिषेक मीना, पुलिस अधीक्षक मुंगेली चंद्रमोहन सिंह, पुलिस अधीक्षक गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही उदय किरण, पुलिस अधीक्षक सक्ती एम.आर.आहिरे, पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा विजय अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरबा अभिषेक वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सारंगढ़-बिलाईगढ़ महेश्वर नाग सहित रेंज कार्यालय में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती दीपमाला कश्यप उपस्थित रहीं।