गरियाबंद ,12 दिसम्बर । गरियाबंद जिले में 12 दिसंबर से प्रारंभ तथा 18 दिसंबर तक घर-घर जाकर फाइलेरिया की बीमारी (हाथी पांव) से बचाने के लिये डी.ई.सी. की दवा प्रशिक्षित दल के माध्यम से खिलाई जायेगी। कलेक्टर प्रभात मलिक के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र एवं स्वास्थ्य केन्द्र में प्रथम दिन बूथ बनाकर दवाई खिलाने तथा अगले दिन से घर-घर जाकर डी.ई.सी तथा अल्बेंडाजोल की गोलियां निःशुल्क दल के सामने सेवन करने के लिए कार्य योजना बनाई गई है। जिसमें 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीईसी के 1 टेबलेट( 100 एमजी) व एल्बेंडाजोल की 1 टेबलेट (400 एमजी), 6 से 14 वर्ष के लोगों को डीईसी के 2 टेबलेट (200 एमजी) व एल्बेंडाजोल के 1 टेबलेट (400 एमजी) तथा 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी के 3 टेबलेट (300 एमजी) व एल्बेंडाजोल के 1 टेबलेट (400 एमजी) खिलाई जाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के.सी. उरांव ने बताया कि जिले के लक्षित जनसंख्या 5 लाख 75 हजार 937 को ध्यान में रखते हुए जिले में राजिम, मैनपुर, गरियाबंद विकासखण्ड को संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। फाईलेरिया उन्मूलन के लिए क्यूलेक्स मादा मच्छर से बचाव मच्छरदानी का उपयोग सामूहिक दवा सेवन लिम्फेडिया मरीजो का घरेलू प्रबंधन एवं हाइड्रोसिल प्रकरणों का ऑपरेशन और स्वास्थ्य शिक्षा महत्वपूर्ण है। फाईलेरिया रोग में प्रारंभिक अवस्था में रोग की पहचान कठिन होती है, इसलिए सामूहिक दवा सेवन की कार्ययोजना वर्ष में एक बार बनाई जाती है, जिसके सहयोग से फाइलेरिया संक्रमण को रोका जा सकता है।
फाइलेरिया बीमारी की नियंत्रण के लिए गरियाबंद जिले में 118 सुपरवाईजर के निरीक्षण में प्रत्येक गांव में दलों का गठन किया गया है और जिले के लिए राज्य सरकार द्वारा एल्बेंडाजोल की गोली 6 लाख 72 हजार तथा डी.ई.सी. की गोली 18 लाख दी गई है। प्रत्येक ग्रामों में जनप्रतिनिधि की उपस्थिति में दवाई सेवन का कार्य करने का निर्देश राज्य शासन के द्वारा दिया गया है। राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. जी.जे.राव के द्वारा गरियाबंद जिले के संवेदनशील क्षेत्र राजिम का भ्रमण करते हुए पूर्व तैयारी की समीक्षा की गई है और गरियाबंद जिले में तैयारी पर संतुष्टि जाहिर किया गया है। गरियाबंद जिले से इस कार्यक्रम की पूर्व तैयारी की बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, जिला टीबी अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी बीईटीओ, वीबीडी टेक्नीकल सुपरवाईजर, सेक्टर सुपरवाईजर, आरएचओ (महिला/पुरुष) उपस्थित थे।
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